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छात्राओं के विरोध के आगे  प्राचार्या स्वर्णलता पीटर ने मानी हार, nursing college में स्‍थापित हुआ शिवलिंग

जगदलपुर के शासकीय नर्सिंग कॉलेज में दो धर्म की छात्राओं के विवाद के बाद प्राचार्या ने कॉलेज परिसर से शिव मंदिर हटा दिया। हिंदू छात्राओं की भूख हड़ताल और हिंदू संगठनों के विरोध के बाद मंदिर पुनः स्थापित किया गया।

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Ranjana Sharma
Vikram (1)
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: जगदलपुर के महारानी अस्पताल के पीछे स्थित शासकीय नर्सिंग कॉलेज में सोमवार सुबह प्राचार्या स्वर्णलता पीटर ने दो विभिन्न धर्मों की छात्राओं के बीच विवाद के बाद कॉलेज परिसर में बने शिव मंदिर को हटा दिया। इस कदम के विरोध में हिंदू छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। मामले की जानकारी मिलते ही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठनों और उच्च अधिकारियों की टीम कॉलेज पहुंची। घंटों चले हंगामे के बाद प्राचार्या को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी और उन्होंने शिव मंदिर को पुनः स्थापित करने का आश्वासन दिया।
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छात्राओं ने की भूख हड़ताल

जानकारी के अनुसार कुछ दिनों से दो विशेष धर्म की छात्राएं एक हिंदू छात्रा के साथ धार्मिक विवाद कर रही थीं। विशेष धर्म की छात्राओं ने यह मामला प्राचार्या के समक्ष रखा जिस पर प्राचार्या ने कॉलेज परिसर में स्थापित शिव मंदिर को तोड़कर हटवा दिया। इस पर हिंदू छात्राओं ने प्राचार्या के कार्यालय जाकर विरोध जताया, लेकिन जब उनकी मांग नहीं मानी गई तो उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी।

कॉलेन में विराजमान हुआ शिव परिवार 

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इस विवाद की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर, एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और छात्राओं की मांग को मानते हुए मंदिर को पुनः स्थापित करने का निर्देश दिया। हिंदू संगठनों ने शिव मंदिर को छात्राओं के हाथों पुनः स्थापित करवाया और साथ ही लगभग 300 शिव मूर्तियां भी छात्राओं को सौंपीं, जिन्हें पूजा-अर्चना के लिए रखा गया है। अधिकारियों ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि धार्मिक आस्था का अपमान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्राचार्या स्वर्णलता पीटर और उप-प्राचार्या की लापरवाही के कारण उन्हें जल्द हटाए जाने की भी संभावना जताई जा रही है।
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