स्वदेशी जागरण मंच (SJM) और स्वावलंबी भारत अभियान के पदाधिकारी रविवार से छत्तीसगढ़ में दो दिवसीय बैठक करेंगे जिसमें बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीति सहित कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। स्वावलंबी भारत अभियान का उद्देश्य युवाओं को ‘नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने वाला’ बनाने के लिए प्रेरित करना है।
WTO के समझौतों के खिलाफ लड़ रहा SJM
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा कि दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक रायपुर के अग्रसेन धाम में होगी। महाजन ने कहा, "अपनी स्थापना के समय से ही एसजेएम हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य, किसानों, उद्योग और आम आदमी पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले विश्व व्यापार संगठन (WTO) के असमान समझौतों के खिलाफ लड़ रहा है। पिछले आठ वर्षों से, जब डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था, WTO (जो वैश्विक व्यापार के संचालन का एक प्रमुख उपकरण है) अपनी चमक खो रहा है।"
स्वदेशी मॉडल को बढ़ावा देना है मकसद
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में लिए गए निर्णयों से विश्व व्यापार संगठन के पतन की गति और तेज हो गई है, तथा इसके भविष्य को लेकर पूरी दुनिया में चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय बैठक में स्वदेशी मॉडल पर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीति तैयार करने, युवाओं को स्टार्ट-अप और उद्यमिता के लिए प्रेरित करने के वास्ते कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने, स्वदेशी व्यापार में आत्मनिर्भरता के लिए नवाचार पर विचार-विमर्श किया जाएगा। महाजन ने कहा कि राज्य, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर स्वावलंबी भारत अभियान की गतिविधियों की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी। एसजेएम सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े कई संगठनों द्वारा चार साल पहले शुरू किए गए स्वावलंबी भारत अभियान का उद्देश्य युवाओं को ‘नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने वाला’ बनने के लिए प्रेरित करना रहा है।