Advertisment

घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए उठाया कदम, अंसल एपीआई मामले में UP RERE ने एनसीएलटी में दाखिल की याचिका

उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) ने अंसल ए.पी.आई. के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) शुरू करने और मोरेटोरियम लागू करने के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। 

author-image
YBN News
uprera

uprera Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लखनऊ/गौतमबुद्ध नगर, आईएएनएस।

उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) ने अंसल ए.पी.आई. के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) शुरू करने और मोरेटोरियम लागू करने के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। 

Advertisment

यह भी पढ़ें:  Noida में WTC बिल्डर क्या "कानून से भी ऊपर" बायर्स की जीवनभर की जमापूंजी डकार गए

ताकि घर खरीदारों के हितों को नुकसान न पहुंचे

रेरा एनसीएलटी, दिल्ली में इम्प्लीडमेंट ऐप्लीकेशन दाखिल करेगा ताकि घर खरीदारों के हितों को नुकसान न पहुंचे।  रेरा ने अंसल ए.पी.आई. के खिलाफ जारी सभी वसूली प्रमाण-पत्रों (आरसी) और लंबित अनुपालन आदेशों की प्रतियां समाधान प्रक्रिया के लिए इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल (आईआरपी) को भेज दी हैं। साथ ही, उन सभी आवंटियों को ई-मेल के माध्यम से सूचित किया गया है जिन्होंने रेरा में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे निर्धारित फॉर्म-सीए में आईआरपी के समक्ष अपना दावा शीघ्रता से प्रस्तुत करें। 

Advertisment

यह भी पढ़ें:  'हिंदू राष्ट्र' वाले बयान पर गरमाई सियासत, उपमुख्यमंत्री  विजय सिन्हा ने कहा, बिहार की धरती पर अब मां जानकी की भक्ति जगेगी 

बड़ी संख्या में आवंटियों को अपने घरों और भूखंडों का इंतजार

यूपी रेरा के अनुसार, उसके आदेशों के चलते बड़ी संख्या में घर खरीदारों को उनके मकानों का कब्जा मिल रहा था और उनकी फंसी हुई धनराशि वापस हो रही थी। हालांकि, एनसीएलटी के आदेश के बाद रेरा अब सीधे होम बायर्स को राहत नहीं दे सकता। हजारों की संख्या में आवंटी अंसल ए.पी.आई. की लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर स्थित टाउनशिप परियोजनाओं में अपनी जिंदगी की जमापूंजी का निवेश कर चुके हैं और वर्षों से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं। रेरा में अंसल ए.पी.आई. से धनवापसी और मकानों के कब्जे को लेकर 2825 शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें से 708 आवंटियों को अब तक 125.39 करोड़ रुपये वापस दिलाए जा चुके हैं। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में आवंटियों को अपने घरों और भूखंडों का इंतजार है। 

Advertisment

यह भी पढ़ें:Holi in Mathura: ब्रज में मनाई जाती 40 दिनों तक होली, राधा दामोदर मंदिर में हुआ इसका आगाज, श्रद्धालुओं ने लगाया एक-दूजे को गुलाल

अंसल ए.पी.आई. ने अब भी उसके 1234 आदेशों का अनुपालन नहीं किया

रेरा ने बताया कि अंसल ए.पी.आई. ने अब भी उसके 1234 आदेशों का अनुपालन नहीं किया है। कंपनी के खिलाफ 619 वसूली प्रमाण-पत्र लंबित हैं, जिनमें आवंटियों के लगभग 113 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। इसके अलावा, रेरा द्वारा लगाए गए 19.73 करोड़ रुपये के आर्थिक दंड से संबंधित 27 वसूली प्रमाण-पत्र भी लंबित हैं। हाल ही में रेरा ने अंसल के खिलाफ गैरकानूनी रूप से भूखंडों की बिक्री का मामला सामने आने पर 6 मामलों में 14 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया था। इन सभी मामलों में वसूली प्रमाण-पत्र लखनऊ जिला प्रशासन को भेजे गए हैं ताकि अंसल से बकाया राशि वसूली जा सके। 

Advertisment

Noida airport से international विमानों के पहले दिन से उड़ान भरने पर संशय, CM आज करेंगे बैठक

रेरा ने आवंटियों को मिलने वाली धनराशि से जुड़े सभी वसूली प्रमाण-पत्र इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल (आईआरपी) श्री नवनीत कुमार गुप्ता को सौंप दिए हैं। साथ ही, उन 219 आदेशों की प्रतियां भी भेजी गई हैं जिनके अनुपालन की प्रक्रिया पहले से चल रही थी। यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि अंसल ए.पी.आई. पहले भी अपनी परियोजनाओं को पूरा करने और रेरा के आदेशों का अनुपालन करने में टालमटोल करता रहा है। 

उन्होंने कहा, "अंसल अपनी जिम्मेदारियों से बच न सके और निवेशकों के हित सुरक्षित रहें, इसलिए रेरा ने एनसीएलटी में इम्प्लीडमेंट ऐप्लीकेशन फाइल करने का निर्णय लिया है।" भूसरेड्डी ने बताया कि यह पहली बार है जब यूपी रेरा किसी मामले में एनसीएलटी में हस्तक्षेप कर रहा है ताकि आवंटियों के हित सुरक्षित रह सकें। उन्होंने आश्वासन दिया कि रेरा आईआरपी के माध्यम से वसूली प्रमाण-पत्रों के अनुसार धनराशि की अदायगी सुनिश्चित कराने का पूरा प्रयास करेगा। रेरा की इस कार्रवाई से अंसल ए.पी.आई. के हजारों आवंटियों को उम्मीद की किरण मिली है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एनसीएलटी और आईआरपी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और घर खरीदारों को उनका हक कब तक मिलता है।

यह भी पढ़ें: CM आज करेंगे बैठक Noida में 500 e-buses के संचालन के लिए टेंडर जारी, जानिए पूरी details

Advertisment
Advertisment