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Ayodhya: राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित

अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में मंगलवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखा गया। मंगलवार सुबह वैशाख शुक्ल द्वितीया को प्रातः 8 बजे मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया। 

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YBN News
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RAMJANAMBHOOMI Photograph: (ians)

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अयोध्या, आईएएनएस।  अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में मंगलवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखा गया। मंगलवार सुबह वैशाख शुक्ल द्वितीया को प्रातः 8 बजे मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया। 

ध्वज दंड स्थापना की प्रक्रिया

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसकी जानकारी दी। ध्वज दंड स्थापना की प्रक्रिया सुबह 6:30 बजे शुरू हुई और डेढ़ घंटे में पूरी हो गई। राम मंदिर का निर्माण तेजी से पूरा हो रहा है और ध्वज दंड की स्थापना मंदिर के भव्य स्वरूप को और निखार रही है। 42 फुट ऊंचा यह ध्वज दंड मंदिर के मुख्य शिखर पर दूर से दिखाई देता है।

इस ध्वज दंड को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, ताकि यह मंदिर की भव्यता और पवित्रता के अनुरूप हो। इसे स्थापित करने में इंजीनियरों और कारीगरों की एक कुशल टीम ने दिन-रात मेहनत की।

मंदिर का बाहरी स्वरूप और अधिक आकर्षक

चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड की स्थापना का कार्य पूरी सावधानी और धार्मिक विधि-विधान के साथ किया गया। इस दौरान मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार किए गए। यह ध्वज दंड न केवल मंदिर की शोभा बढ़ाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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उन्होंने कहा कि यहमंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति और आस्था का प्रतीक है।

राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य 2020 में शुरू हुआ था और अब यह अपने अंतिम चरण में है। गर्भगृह और मुख्य संरचना पहले ही बनकर तैयार हो चुकी है। ध्वज दंड की स्थापना के साथ मंदिर का बाहरी स्वरूप और अधिक आकर्षक हो गया है।

अयोध्या में भक्तों का उत्साह

वहीं, भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में दर्शन, पूजा और अन्य व्यवस्थाओं को लगातार बेहतर किया जा रहा है।इस अवसर पर अयोध्या में भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। श्रद्धालुओं ने इसे भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति का प्रतीक बताया। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भक्तों से अपील की है कि वे दर्शन के लिए व्यवस्थित रूप से आएं और परिसर की पवित्रता बनाए रखें।

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