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जमालुद्दीन @ छांगुर बाबा के गेट के पीछे क्या था ऐसा, जो पुलिस 1 घंटे तक अंदर नहीं जा पाई? देखें बुलडोजर कार्रवाई की LIVE डिटेल्स! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।यूपी के बलरामपुर में धर्मांतरण व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के मधुपुर में बने आलीशान कोठी को गिराने की कार्रवाई सुबह 10.30 बजे शुरू हुई। सुबह नौ बजे ही भारी पुलिस बल छांगुर के आवास पर पहुंच गई थी। सुबह 10 बजे दो बुलडोजर पहुंचे लेकिन मकान का गेट नहीं खुला। ई रिक्शा से गेट काटने के लिए पुलिस ने गैस कटर मंगवाया। इसके बाद गेट का लाक काटर दोनों बुलडोजर घर में दाखिल हुए, सीओ उतरौला राघवेंद्र सिंह ने घर का निरीक्षण किया और बायें तरफ से निर्माण ढहाने की कार्रवाई शुरू कराई। गेट के दायें तरफ बने दो मंजिला इमारत में कुछ लोग रह रहे हैं उन्हें बाहर निकलने को कहा गया। बुलडोजर कार्रवाई शुरू होने से काफी भीड़ आसपास जुट गई, जिन्हें पुलिस हटाती रही।
बलरामपुर में छांगुर बाबा के आलीशान अवैध महल पर चला बुलडोजर, करोड़ों की संपत्ति ढही। यूपी में धर्मांतरण के काले खेल का पर्दाफाश, यूएई कनेक्शन तक की जांच जारी है। जानिए कैसे एक फ़कीर बन गया करोड़ों का मालिक और क्या है इस पूरे सिंडिकेट का रहस्य।
बलरामपुर में बुधवार 8 जुलाई 2025 की सुबह एक ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। अवैध धर्मांतरण के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का आलीशान महल आज तीन बुलडोजरों के सामने बेबस खड़ा था। देखते ही देखते, करोड़ों की यह इमारत मिट्टी में मिल गई, और इसके साथ ही पर्दाफाश हुआ एक बड़े रैकेट का, जिसने भोले-भाले लोगों को धर्म परिवर्तन के जाल में फंसाया। ये सिर्फ एक इमारत का गिरना नहीं, बल्कि अवैध कमाई और काले कारनामों के साम्राज्य का ढहना है।
जब गरजने लगे बुलडोजर
सुबह 9 बजे का वक्त था। बलरामपुर के मधपुर इलाके में स्थित छांगुर बाबा की कोठी के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी जमा हो चुके थे। चारों ओर सन्नाटा पसरा था, जिसे तोड़ रही थी पुलिस गाड़ियों की सायरन की आवाजें और अधिकारियों के निर्देश। लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हो गई थी, हर कोई अपनी आंखों से इस ऐतिहासिक कार्रवाई को देखना चाहता था। क्या उन्हें पता था कि वे एक ऐसे साम्राज्य के अंत के गवाह बन रहे हैं, जिसने इतने सालों तक उन्हें धोखा दिया?
कोठी का मुख्य गेट बंद था। पुलिस ने पहले अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन जब गेट नहीं खुला, तो गैस कटर मंगाया गया। करीब 10 बजे, गेट का ताला काट कर टीम और तीन बुलडोजर घर के अंदर दाखिल हुए। अंदर का दृश्य चौंकाने वाला था – आलीशान कमरे, महंगी सजावट, और वो सब कुछ जो एक सामान्य फ़कीर के पास होना असंभव लगता है। यह सिर्फ एक मकान नहीं, बल्कि एक जीवनशैली का प्रतीक था, जिसे अवैध तरीकों से हासिल किया गया था।
अवैधता की नींव पर बना 'महल'
यह कार्रवाई रातों-रात नहीं हुई। जिला प्रशासन ने छांगुर बाबा की कोठी पर पहले ही तीन अलग-अलग नोटिस चस्पा कर दिए थे। 15 मई को ही इस अवैध अतिक्रमण को हटाने का आदेश पारित हो चुका था। यह कोठी गाटा संख्या 337/370 में नीतू नवीन रोहरा के नाम पर दर्ज सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी। क्या ये महज एक इत्तेफाक था कि इतनी बड़ी जमीन पर एक 'फ़कीर' का महल बन गया?
सीओ उतरौला राघवेंद्र सिंह ने घर का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि बाईं तरफ से निर्माण ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई। गेट के दाईं तरफ एक दो मंजिला इमारत थी, जिसमें कुछ लोग रह रहे थे। उन्हें तुरंत घर से बाहर निकलने के निर्देश दिए गए। बुलडोजर की गर्जना के साथ ही, अवैध साम्राज्य की नींव हिलने लगी।
विरोध और आरोप: परिवार का क्या कहना है?
जैसे ही बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हुई, छांगुर बाबा की आलीशान कोठी में रह रहे लोगों ने आक्रोश जताया। छांगुर की बहू साबिरा, पहली बार बाहर आई और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से बच्चे डरे हुए हैं और उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह ने साबिरा के आरोपों को मनगढ़ंत बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी नियमानुसार कार्रवाई कर रहा है और किसी को भी बेवजह परेशान नहीं किया जा रहा है। सवाल यह है कि अगर यह घर अवैध था, तो परिवार को पहले ही नोटिस मिलने के बाद इसे क्यों खाली नहीं किया गया?
धर्मांतरण का काला धंधा: सिख और सिंधी समाज का गुस्सा
छांगुर बाबा की यह कहानी सिर्फ अवैध निर्माण की नहीं है, बल्कि धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट से जुड़ी है। प्रदेश में गैर-मुस्लिम लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने के कई मामले सामने आए हैं। इस पर सिख और सिंधी समाज के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस तरह के कुत्सित प्रयास करने वालों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समाज के लोगों ने धर्मांतरण की साजिश रचने वाले अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने की भी मांग की है।
ये केवल एक छांगुर बाबा का मामला नहीं है, बल्कि यह एक गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसमें लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रशासन का यह कदम ऐसे लोगों के खिलाफ एक सख्त संदेश है।
यूएई कनेक्शन: एटीएस खंगाल रही नेटवर्क
इस मामले में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यूएई कनेक्शन का है। एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) अब छांगुर बाबा की करीबी नीतू नवीन रोहरा के यूएई नेटवर्क को खंगाल रही है। सातवीं कक्षा पास नीतू ने 2014 से 2019 के बीच 19 बार यूएई की यात्रा की। इन यात्राओं का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी तरह, नवीन घनश्याम रोहरा ने भी 2016 से 2020 के बीच 19 बार यूएई का दौरा किया। हैरानी की बात यह है कि पति-पत्नी होने के बावजूद वे केवल एक बार (8 अप्रैल, 2017 को) साथ गए थे, लेकिन वापसी अलग-अलग की थी। क्या ये यात्राएं किसी बड़े अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा थीं?
सूत्रों की मानें तो छांगुर बाबा के गिरोह का नेटवर्क यूएई में भी फैला हुआ है। यह इस बात का संकेत है कि यह सिर्फ एक स्थानीय रैकेट नहीं, बल्कि एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का गिरोह हो सकता है, जो धर्मांतरण के नाम पर बड़ी फंडिंग हासिल कर रहा है।
दुबई में धर्मांतरण और फर्जी पासपोर्ट का संदेह
एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि नवीन घनश्याम रोहरा, नीतू नवीन रोहरा और समाले नवीन रोहरा का धर्मांतरण 16 नवंबर, 2015 को दुबई के अल फारुख उमर बिन कताब सेंटर में हुआ था। इसे दुबई सरकार ने प्रमाणित भी किया था। लेकिन, उनके पासपोर्ट की जांच में दुबई की यात्रा करने की पुष्टि नहीं हुई है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि छांगुर बाबा के गिरोह के गुर्गों ने अलग नाम से भी पासपोर्ट बनवाए हुए हैं। यह फर्जीवाड़े का एक और बड़ा सबूत है, जो इस रैकेट की गहराई को दर्शाता है।
अधिकारियों को शक है कि यह गिरोह खाड़ी देशों के संगठनों के इशारे पर धर्मांतरण का रैकेट चला रहा था। इतना ही नहीं, इसका नेटवर्क उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों में भी फैला होने के प्रमाण मिले हैं। क्या यह सिर्फ धर्मांतरण का मामला है, या इसके पीछे और भी कई अवैध गतिविधियां चल रही हैं? यह जांच का विषय है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि अवैध धर्मांतरण और अतिक्रमण के खिलाफ सरकार सख्त रुख अपना रही है। छांगुर बाबा का महल तो ढहा दिया गया, लेकिन इस मामले की परतें अभी और खुलेंगी। एटीएस की जांच जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे रैकेट के पीछे के असली मास्टरमाइंड बेनकाब होंगे।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में अवैध धर्मांतरण और संपत्ति निर्माण जैसे गंभीर मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। यह कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो कानून को धता बताकर अपनी मनमानी करते हैं। क्या यह केवल शुरुआत है, या ऐसे और भी 'महल' जल्द ही जमींदोज होंगे? वक्त बताएगा।
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