Advertisment

Kanpur Update News: Ganesh Shankar Vidyarthi के पौत्र-प्रपौत्र सरकार से नाखुश

प्रेस क्लब ने विद्यार्थी जी के पौत्र अशोक और प्रपौत्र आशीष को सम्मानित किया, अशोक ने पुरानी यादों को साझा करते हुए सरकारी उपेक्षा पर दुख व्यक्त किया।

author-image
Ajit Kumar Pandey
एडिट
Kanpur Ganesh shankar

Kanpur Ganesh shankar

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कानपुर, वाईबीएन संवाददाता । 

Advertisment

kanpur news : जिंदगी बहुत लंबी नहीं थी, सिर्फ 41 बरस में कलम के सिपाही ने क्रांतिकारी शहर में पत्रकारिता के जरिए इतिहास रच दिया। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद संभालने के साथ-साथ गोरी हुकूमत के समय विधान-परिषद के सदस्य भी रहे। महात्मा गांधी के चंपारण आंदोलन के प्रणेता थे। तमाम क्रांतिकारियों ने उनके अखबार में अपनी लेखनी का प्रताप निखारा। हिंदू-मुस्लिम एकता के झंडाबरदार थे, और उनकी जिंदगी की शाम भी हिंदू-मुस्लिम दंगे के दरमियान परेड इलाके के चौबेगोला मोहल्ले में हुई। 

बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर सम्मान मिला तो छलका परिजनों का दर्द 

यह कहानी है kanpur की शान, हिंदी पत्रकारिता की आन गणेश शंकर विद्यार्थी की। बलिदान दिवस की 84वीं पुण्यतिथि पर विद्यार्थी जी के वंशजों से मुलाकात का मौका मिला तो सरकार की बेरुखी का दर्द छलक आया। गणेश शंकर विद्यार्थी के पौत्र और प्रपौत्र ने कहा कि, विद्यार्थी जी के सिद्धांतों के कारण कभी कुछ मांगा नहीं तो सरकार ने खुद कुछ देने का इरादा भी नहीं बनाया। 

Advertisment

प्रताप प्रेस की बिल्डिंग बदहाल, बलिदान स्थल पर मंदिर भी अतिक्रमण से बदरंग 

प्रताप प्रेस की बिल्डिंग बदहाल है, जबकि बलिदान स्थल पर बनाया गया मंदिर अतिक्रमण से बदरंग हो चला है। गौरतलब है कि, 25 मार्च 1931 को विद्यार्थी जी हिंदू-मुस्लिम दंगे के दौराम निरीह लोगों को बचाने में शहीद हुए थे। 

प्रेस क्लब ने किया पौत्र-प्रपौत्र को सम्मानित 

Advertisment

सोमवार को गणेश शंकर विद्यार्थी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर कानपुर प्रेस क्लब ने खलासी लाइन में पत्रकार शिरोमणि विद्यार्थी जी के पौत्र अशोक विद्यार्थी और प्रपौत्र आशीष विद्यार्थी को सम्मानित किया। प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरस बाजपेई ने विद्यार्थी जी के वंशजों को शाल पहनाने के बाद स्मृतिचिह्न देकर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर 88 वर्षीय अशोक विद्यार्थी बेहद भावुक होकर पुरानी यादों को ताजा करने लगे। उन्होंने प्रताप प्रेस के परिसर में क्रांतिकारियों की कहानी सुनाई तो विद्यार्थी जी के तल्ख तेवरों से अवगत कराया। 

कलेक्टर से बोले थे, मैं पब्लिक आप पब्लिक सर्वेंट, लिहाजा खड़े रहिए 

उन्होंने विद्यार्थी से जुड़ा एक वाकया बताया कि प्रताप अखबार में खबर लिखते समय एक कलेक्टर मिलने आए तो बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिलने पर कुछ नाराज हुए। ऐसे में विद्यार्थी जी ने स्पष्ट कहाकि, मैं पब्लिक हूं और आप पब्लिक सर्वेंट, लिहाजा खड़े रहिए। इसी प्रकार पिता के कार्यस्थल ग्वालियर में रजवाड़े से मिलने के लिए बुलाया तो पिता के आदेश पर पहुंच गए। रजवाड़े ने राजशाही के खिलाफ खबरों से परहेज का आग्रह किया तो पत्रकारिता-धर्म और पुत्र-धर्म में अंतर बताकर लौट आए।

Advertisment

सरकारों ने विद्यार्थी जी के वंशजों को भुला दिया

वयोवृद्ध अशोक विद्यार्थी ने दर्द साझा करते हुए बताया कि, मेडिकल कालेज का नामकरण अवश्य बाबा के नाम पर किया गया। साथ ही शहर में कुछेक स्थानों पर गणेश शंकर की प्रतिमा स्थापित हुई हैं। इसके अतिरिक्त सरकारों ने गणेशशंकर की स्म़ृतियों को ताजा रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहाकि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ-साथ गणेशशंकर विद्यार्थी ने अंग्रेज सरकार के दरमियान विधान-परिषद चुनाव ऐतिहासिक मतों से जीतकर शहर में कांग्रेसी परचम लहराया था। 

प्रताप प्रेस में शरण लेते थे आजाद और भगत सिंह 

मिलती थी प्रताप प्रेस में शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद सरीखे तमाम क्रांतिकारियों को शरण मिली। क्रांतिकारियों ने प्रताप प्रेस के जरिए आजादी के आंदोलन को धार देकर अंग्रेज सरकार को खदेड़ने का प्रयास किया। बावजूद, आजादी मिलने के बाद कांग्रेस भी विद्यार्थी जी के बलिदान को भूल गई। गोविंदबल्लभ पंत ने वंशजों की रिहाइश के लिए खलासी लाइन में एक आवास का आवंटन कराया, लेकिन भविष्य में उसकी भी कीमत अदा करने के बाद मालिकाना हक हासिल हुआ। 

प्रताप अखबार को जिंदा करने की कोशिश होगी

सम्मान से अभिभूत विद्यार्थी जी के वंशजों ने प्रताप अखबार को पुनर्जीवित करने का संकल्प दोहराया है। कोशिश होगी कि, जल्द ही प्रताप अखबार पुराने तेवरों और नए कलेवर के साथ अपनी पहचान को स्थापित करे। इस मौके पर प्रेस क्लब महामंत्री शैलेश अवस्थी, उपाध्यक्ष गौरव सारस्वत, वरिष्ठ मंत्री मोहित दुबे, मंत्री शिवराज साहू, आलोक पाण्डेय, गगन पाठक, मयूर शुक्ला, अभिषेक मिश्र, रोहित निगम, कौस्तुभ मिश्र समेत तमाम पत्रकार मौजूद रहे।

Kanpur News kanpur
Advertisment
Advertisment