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uttar pradesh news: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक वकील को 6 महीने की सजा सुनाई है, इसकी वजह हैरान करने वाली है। मामला 2021 का है, जब वकील साहब अदालत में बिना वकीली गाउन पहने पहुंचे थे। वकील के शर्ट के बटन भी खुले हुए थे। इसे लेकर कोर्ट ने आपत्ति जताई थी। अब लगभग चार साल बाद कोर्ट ने उन्हें अवमानना का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है और 2000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
एडवोकेट अशोक पांडे साल 2021 में वकीली पोशाक के बिना और खुले बटन वाली शर्ट पहनकर पहुंचे थे। जब अदालत ने उनकी वेशभूषा पर आपत्ति जताई और उन्हें कोर्टरूम से बाहर जाने को कहा, तो अशोक पांडे ने कथित तौर पर जजों को 'गुंडा' कह दिया। इस अपमानजनक टिप्पणी को लेकर अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की। कोर्ट ने उन्हें कई बार जवाब देने का अवसर दिया, लेकिन अशोक पांडे ने एक बार भी अपना पक्ष रखने या स्पष्टीकरण देने की कोशिश नहीं की।
सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह का समय
एडवोकेट अशोक पांडे को लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। जेल की सजा के अलावा, पीठ ने पांडे को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया, जिसमें पूछा गया है कि उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय और इसकी लखनऊ पीठ में पेशेवर वकील के रूप में कार्य करने से क्यों नहीं रोका जाना चाहिए। उन्हें एक मई तक जवाब देना है।
कोर्ट ने क्या कहा?
इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पांडे का व्यवहार न्यायालय की गरिमा और अनुशासन के खिलाफ है। यह फैसला न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बीआर सिंह की खंडपीठ ने पांडे के अदालत में व्यवधान पैदा करने वाले आचरण के बाद 2021 में दायर की गई आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनाया। बता दें कि अशोक पांडे पर पहले भी कोर्ट की अवमानना के आरोप लग चुके हैं। साल 2017 में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट परिसर से 2 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था।