प्रयागराज, वाईबीएन नेटवर्क।
महाकुंभ 2025 ने न सिर्फ श्रद्धा और आस्था का नया इतिहास रचा, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस महापर्व से न केवल योगी सरकार को बंपर कमाई हुई, बल्कि रेलवे, एविएशन और बस ऑपरेटरों को भी मालामाल कर दिया। भारत की प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी एक्सिगो (ixigo) की रिपोर्ट के अनुसार, 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच प्रयागराज यात्रा की बुकिंग्स में अभूतपूर्व उछाल देखा गया। फ्लाइट बुकिंग्स में 5.4 गुना वृद्धि हुई, जबकि ट्रेन और बस यात्राओं में 4 गुना और 20 गुना तक का इजाफा हुआ। दिलचस्प बात यह रही कि इस बार महाकुंभ में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। 20-25 वर्ष के यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
एविएशन ने की ऊंची उड़ान
महाकुंभ के कारण फ्लाइट बुकिंग्स ने भी रफ्तार पकड़ी। प्रयागराज के लिए फ्लाइट बुकिंग्स में साल दर साल 5.4 गुना वृद्धि देखी गई, जबकि लखनऊ और वाराणसी जैसे नजदीकी एयरपोर्ट्स पर 69% ज्यादा यात्रियों की भीड़ उमड़ी। मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता जैसे बड़े शहरों से श्रद्धालुओं ने हवाई मार्ग से प्रयागराज पहुंचने को प्राथमिकता दी।
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रेलवे की बंपर कमाई, सोलो ट्रैवलर्स का बोलबाला
ट्रेन यात्रा में भी 4 गुना तक की वृद्धि दर्ज की गई। खास बात यह रही कि इस बार समूह यात्राओं की तुलना में 60% बुकिंग सोलो ट्रैवलर्स ने की। दिल्ली, मुंबई, कानपुर, मेरठ, वाराणसी और लखनऊ से बड़ी संख्या में लोग रेल यात्रा कर महाकुंभ पहुंचे।
बस ऑपरेटर्स की बल्ले-बल्ले! 20 गुना बढ़ी बुकिंग्स
बस यात्राओं में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला। प्रयागराज के लिए बस बुकिंग्स में 20 गुना बढ़ोतरी हुई। इसमें भी सबसे ज्यादा संख्या 20-25 वर्ष के युवा यात्रियों की रही, जिन्होंने कुल बस बुकिंग्स का 26% हिस्सा लिया। कुल यात्रियों में से 50% लोग 30 साल से कम उम्र के थे। दिल्ली, हैदराबाद, लखनऊ, नागपुर, बेंगलुरु, जयपुर, रांची और अयोध्या से भारी संख्या में यात्रियों ने बस सेवा का लाभ उठाया।
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इस रूट की रही सबसे महंगी बस सीट, 14,860 में बिकी
महाकुंभ के दौरान सबसे महंगी बस टिकट की बात करें, तो फरवरी 2025 में विजयवाड़ा-वाराणसी रूट पर एक सीट ₹14,860 में बिकी, जो इस महाकुंभ की ऐतिहासिक मांग को दर्शाती है।
Gen Z की बढ़ी भागीदारी, आस्था के साथ एडवेंचर भी
महाकुंभ में इस बार Gen Z यात्रियों (20-30 वर्ष) की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली। बस यात्रियों में इस आयु वर्ग की हिस्सेदारी 20% ज्यादा रही। यह इस बात का संकेत है कि युवा अब सिर्फ पर्यटन के लिए ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता और आस्था से भी गहराई से जुड़ रहे हैं।