Advertisment

शादी में नहीं होगा नाच-गाना, जूता चुराई की रस्म पर भी पाबंदी, जानिए क्यों हुआ यह फैसला?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में गुरुवार को मुस्लिम राजपूत वेलफेयर एसोसिएशन की महापंचायत में तय किया गया कि अब मुस्लिम राजपूत समाज की शादियों में डीजे, डांस, फिल्मी गानों और जूता चुराई जैसी परंपराओं पर पूरी तरह रोक होगी।

author-image
Pratiksha Parashar
wedding barat
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क शादी के दौरान कई रस्में होती हैं जो मौज-मस्ती और शरारत का प्रतीक बन चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में अनोखी पहल की शुरुआत हुई है। गुरुवार को जनमंच सभागार में आयोजित मुस्लिम राजपूत वेलफेयर एसोसिएशन की महापंचायत में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य शादी-विवाह की परंपराओं में सादगी लाना और फिजूलखर्ची पर लगाम लगाना है। अब मुस्लिम राजपूत समाज की शादियों में डीजे, डांस, गाने और जूता चुराई जैसी परंपराओं पर पाबंदी लगा दी गई है। 

इन रस्मों पर लगाई पाबंदी

महापंचायत में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि अब समाज की शादियों में डीजे, डांस, गाने और जूता चुराई जैसी परंपराएं पूरी तरह बंद की जाएंगी। साथ ही, शादी के निमंत्रण अब डिजिटल माध्यमों या फोन कॉल के जरिए दिए जाएंगे, जिससे न केवल खर्च कम होगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

दहेज प्रथा भी समाप्त

इसके अलावा सलामी और दहेज जैसी रस्मों को भी पूरी तरह समाप्त करने का ऐलान किया गया है। समाज से जुड़े लोगों से यह अपील की गई है कि यदि किसी शादी में तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाता, तो वहां जाकर भोजन न करें।

आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को मिलेगा साथ

समाज के सक्षम परिवारों ने यह भी फैसला लिया कि वे अपनी बेटियों के रिश्ते ऐसे युवाओं से करेंगे जो काबिल हैं, मगर आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसके अलावा उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए हरसंभव मदद भी दी जाएगी। इस कदम को समाज में दहेज प्रथा और आर्थिक भेदभाव को खत्म करने की दिशा में एक मजबूत पहल माना जा रहा है।

Advertisment

भीड़ और खर्च में कमी होगी

महापंचायत में यह भी तय किया गया कि शादी में बारात के रूप में सिर्फ नजदीकी रिश्तेदार ही शामिल होंगे। लड़की देखने और रिश्ता तय करने जैसी प्रक्रियाओं में भी सीमित संख्या में ही लोग शामिल होंगे, ताकि अनावश्यक भीड़ और खर्च से बचा जा सके।

नशे और बाहरी विवाह पर चिंता

महापंचायत में वक्ताओं ने युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर गहरी चिंता जताई और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत बताई। साथ ही, अन्य बिरादरियों में विवाह और समाज के अंदर मुखबिरी जैसी गतिविधियों पर भी रोक लगाने का निर्णय लिया गया। समाज के इस पहल को एक सकारात्मक सामाजिक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे न केवल विवाह को सरल बनाया जा सकेगा बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी बराबरी का अवसर मिलेगा। up news | uttar pradesh 

uttar pradesh up news
Advertisment
Advertisment