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Char Dham Yatra पर 24 घंटे का हटा प्रतिबंध, सात कर्मचारी अभी भी लापता

देहरादून में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के चलते चार धाम यात्रा पर 29 जून को 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे 30 जून को हटा लिया गया है। सभी जिलाधिकारियों को मौसम की स्थिति के अनुसार यातायात नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं।

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Jyoti Yadav
24 hour ban on Char Dham Yatra lifted
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देहरादून, वाईबीएन डेस्क |भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बीच चार धाम यात्रा पर 24 घंटे का प्रतिबंध रविवार, 29 जून को लगा जो कि अब सोमवार, 30 जून को हटा लिया गया है। मीडिया को दी जानकारी में गढ़वाल संभागीय आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा, "चार धाम यात्रापर 24 घंटे का प्रतिबंध हटा लिया गया है।आयुक्त ने आगे कहा कि यात्र मार्ग पर सभी जिलों के जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में मौसम की स्थिति को देखते हुए वाहनों को रोकने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश की चेतावनी के बाद रविवार, 29 जून को चार धाम यात्रा स्थगित कर दी गई थी। 

बादल फटने से भारी भूस्खलन

यात्रा स्थगित होने के बाद बरकोट के पास बादल फटने से भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें दो श्रमिकों की मौत हो गई और सात अन्य लापता हो गए। इस बीच, चंबा शहर के कई हिस्सों में बारिश हुई। अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले 29 जून को उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन से प्रभावित बरकोट-यमुनोत्री मार्ग की मरम्मत की गई और उसे सुचारू किया गया। हालांकि, लापता सात व्यक्तियों की तलाश जारी है। उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने पुष्टि की कि सिलाई बैंड से पहले हुए धुल-मिट्टी के हिस्से की मरम्मत पूरी कर ली गई है और सड़क के अन्य क्षतिग्रस्त हिस्सों को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। 

बादल फटने से भारी भूस्खलन

उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया, "जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड से पहले बादल फटने के कारण जो धुल-मिट्टी का हिस्सा बह गया था, उसे ठीक कर दिया गया है और सड़क को सुचारू कर दिया गया है, जबकि अन्य धुल-मिट्टी के हिस्से को सुचारू करने का काम जारी है।" जिला मजिस्ट्रेट ने यह भी बताया कि क्षेत्र में 33 केवी बिजली लाइन को बहाल कर दिया गया है और 11 केवी लाइन की मरम्मत के प्रयास जारी हैं। 

सात कर्मचारी अभी भी लापता

बादल फटने की घटना में लापता हुए सात कर्मचारी अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व टीमों द्वारा की जा रही है। उत्तरकाशी पुलिस के अनुसार, भूस्खलन और बादल फटने की घटना यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पालीगाड़ से करीब चार किलोमीटर आगे सिलाई बैंड के पास हुई। पुलिस, अग्निशमन सेवा, स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण दल के कर्मियों की मदद से बचाव अभियान चल रहा है। बरामद किए गए दो शवों की पहचान नेपाल के राजापुर जिले के कर्ममोहनी के 43 वर्षीय केवल बिष्ट और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के 55 वर्षीय दूजे लाल के रूप में की गई है। 

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