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Ankita Bhandari Murder Case: विवाद, हत्या और फिर नाली में फेंका शव....जानिए उत्तराखंड के बहुचर्चित हत्याकांड की कहानी

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अंकिता भंडारी की हत्या क्यों की गई? कैसे उसे मौत के घाट उतारा गया? आइए आपको इस मर्डर केस से जुड़ी हर डिटेल बताते हैं। 

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Pratiksha Parashar
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Ankita Bhandari Murder Case
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कोटद्वार, वाईबीएन डेस्क Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पुलकित आर्या समेत तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, थोड़ी देर में सजा सुनाई जाएगी। इस हाई प्रोफाइल मामले पर सबकी निगाहें टिकीं हुई हैं। दरअसल, आरोपी एक राजनीतिक परिवार से आता है। मृतका के माता-पिता ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। अंकिता भंडारी की हत्या क्यों की गई? कैसे उसे मौत के घाट उतारा गया? आइए आपको इस मर्डर केस से जुड़ी हर डिटेल बताते हैं। 

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अंकिता भंडारी हत्याकांड

19 वर्षीय अंकिता भंडारी, ऋषिकेश के पास स्थित एक लक्ज़री रिसॉर्ट वनंतरा में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थीं। 2022 में एक दिन अचानक वह लापता हो गईं। छह दिन की तलाश के बाद, 24 सितंबर को चीला पावर हाउस की नहर से एसडीआरएफ ने उनका शव बरामद किया। अंकिता का शव मिलने के साथ ही इस मर्डर केस की परतें खुलने लगीं।

क्यों किया रिसेप्शनिस्ट अंकिता का कत्ल?

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हत्या का आरोप रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य पर लगा, जिसने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। जानकारी के मुताबिक, रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली अंकिता ने एक वीआईपी गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देने से मना कर दिया था। इसके बाद विवाद हुआ और इसे लेकर अंकिता की हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद खुद पुलकित से अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट भई दर्ज कराई थी। 

आरोपी का VIP कनेक्शन

पुलकित आर्य, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है। मामला सामने आते ही बीजेपी ने विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया। जैसे ही केस में वीआईपी कनेक्शन सामने आया, पूरे प्रदेश में गुस्से की लहर दौड़ गई। जनता ने सड़कों पर उतरकर दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। सरकार ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।

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लंबी कानूनी लड़ाई और फैसला

करीब ढाई साल से ज्यादा समय तक चली इस कानूनी प्रक्रिया में SIT ने 97 गवाहों की सूची तैयार की, जिनमें से 47 गवाह अदालत में पेश किए गए। 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई, जिसके आधार पर अदालत ने अब अपना फैसला सुना दिया है। देश की निगाहें अब अदालत द्वारा दी जाने वाली सजा पर टिकी हैं।

माता-पिता ने की फांसी की मांग

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अंकिता के माता-पिता न्याय की उम्मीद में कोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्होंने तीनों दोषियों को फांसी की सजा देने की अपील की। फैसले से ठीक पहले अंकिता के पिता ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा। उनकी आंखों में बेटी के खोने का गम साफ झलक रहा था। उन्होंने भावुक होकर कहा कि जिन लोगों ने मेरी बेटी की जान ली, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अंकिता की मां ने भी बेटी की हत्या के दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है।

Ankita Bhandari Murder Case अंकिता भंडारी हत्याकांड
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