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आपदा का कहर : थराली में जिंदगी बचाने की जंग, जानें कैसे बचाए गए लोग? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने से बड़ी तबाही मचा दी है, खासकर थराली इलाके में। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यहां राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन के साथ-साथ NDRF, SDRF, ITBP और SSB की टीमें मिलकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हैं।
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है। चमोली जिले का थराली क्षेत्र इस आपदा का सबसे ज्यादा शिकार हुआ है। सड़कें बह गई हैं, पुल टूट गए हैं और कई घर मलबे में दब गए हैं। लोगों की जिंदगी थम सी गई है। स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्होंने ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी थी। चारों तरफ सिर्फ मलबा और तबाही का मंजर नजर आ रहा है।
आपदा की खबर मिलते ही सरकार ने तुरंत एक्शन लिया। मुख्यमंत्री धामी ने खुद स्थिति की निगरानी की और राहत कार्यों में किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए।
बचाव अभियान की दिल दहला देने वाली कहानियां
राहत और बचाव टीमों ने दिन-रात एक कर दिया है। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालना एक बेहद मुश्किल काम है। NDRF और SDRF की टीमें आधुनिक उपकरणों की मदद से फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। एक स्थानीय बुजुर्ग ने बताया, "जब भूस्खलन हुआ, तो लगा कि अब सब खत्म हो जाएगा। लेकिन कुछ ही देर में बचाव दल के जवान देवदूत बनकर आए और हमें सुरक्षित बाहर निकाला।"
बचावकर्मी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। वे सिर्फ लोगों को ही नहीं, बल्कि उनके पालतू जानवरों और सामान को भी सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं। कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनके लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
#WATCH | Uttarakhand: As per the instructions of Chief Minister Pushkar Singh Dhami, disaster relief work is going on at a fast pace in the Tharali area. Rescue operations are being carried out jointly by the district administration as well as NDRF, SDRF, ITBP and SSB. The… pic.twitter.com/bnXdbI23Z0
— ANI (@ANI) August 23, 2025
सरकार और प्रशासन की तत्परता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है, जहां उनका मुफ्त इलाज किया जा रहा है। सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है।
हालांकि, बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं। भूस्खलन के कारण कई इलाकों में अभी भी कनेक्टिविटी नहीं है। सड़कें और पुल टूटने से राहत सामग्री पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग ने आगे भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ सकती है।
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