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हरिद्वार, वाईबीएन डेस्क: हरिद्वार-ऋषिकेशरेल मार्ग पर सोमवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब ट्रैक पर अचानक एक विशालकाय बोल्डर गिर गया। इस घटना के कारण इस महत्वपूर्ण रेल मार्ग पर सभी ट्रेनों की आवाजाही को तत्काल प्रभाव से रोकना पड़ा। गनीमत यह रही कि घटना के समय कोई ट्रेन वहां से गुजर नहीं रही थी जिससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
ट्रैक को बहाल होने में लगेगा 8 से 10 घंटे का समय
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन सतर्क हो गया और रेलवे इंजीनियरों व कर्मचारियों की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। हरिद्वार रेलवे के वरिष्ठ अभियंता करण सिंह ने बताया कि करीब 50 से 60 कर्मचारी ट्रैक पर मौजूद हैं और अतिरिक्त कर्मचारियों को भी बुलाया गया है। हमारी पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द ट्रैक को बहाल किया जाए। अनुमान है कि इसमें 8 से 10 घंटे का समय लग सकता है। रेलवे कर्मचारियों की टीम जेसीबी, गैस कटर और अन्य मशीनरी की सहायता से बोल्डर को काटने और ट्रैक से हटाने के काम में जुटी हुई है। साथ ही ट्रैक की स्थिति की भी जांच की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रैक पूरी तरह सुरक्षित है।
यात्रियों को हो रही परेशानी
रेल सेवा बाधित होने से यात्रियों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है। कई ट्रेनें जहां के तहां रोक दी गईं, वहीं कुछ ट्रेनों को रद्द भी किया जा सकता है। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और आवश्यक सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।स्थानीय प्रशासन भी रेलवे के साथ समन्वय बनाकर राहत कार्य में जुटा है। रेलवे स्टेशन और प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षाबल भी तैनात किए गए हैं ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।रेलवे अधिकारियों के अनुसार यदि मौसम अनुकूल रहा और कोई अतिरिक्त बाधा नहीं आई तो देर रात तक ट्रैक को दोबारा चालू किया जा सकता है। इससे पहले ट्रैक को पूरी तरह से साफ कर उसकी तकनीकी जांच की जाएगी।
प्राकृतिक आपदा का खतरा बरकरार
उत्तराखंड में इन दिनों लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन और बोल्डर गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश से कमजोर हुई पहाड़ियों से बड़े-बड़े पत्थर खिसककर नीचे आ सकते हैं, जिससे रेलवे और सड़क मार्गों पर खतरा बना रहता है। हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच का रेलवे मार्ग भी पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्र में आता है, जहां इस प्रकार की घटनाएं आम होती जा रही हैं।