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सीएम धामी ने हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाला मामले की विजिलेंस जांच के निर्देश दिए

उत्‍तराखंड में हरिद्वार नगर निगम जमीन हेराफेरी मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी एक दर्जन अधिकारियों को निलंबित करने तक ही नहीं रुके हैं। सेल डीड निरस्‍त कर जमीन मालिक से धन वापसी के निर्देश दिए हैं।

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Narendra Aniket
Nagar Nigam Haridwar
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। हरिद्वार नगर निगम में सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। 12 अधिकारियों पर गाज गिरने के साथ ही उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने और भी कठोर कदम उठाए हैं। दोषियों की पूरी शृंखला सामने लाने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मुख्‍यमंत्री ने पूरे मामले की सतर्कता विभाग (विजिलेंस डिपार्टमेंट) से विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए हैं।   

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सरकारी जमीन में हेराफेरी की

यह मामला सरकारी जमीन और नक्‍शे में हेराफेरी कर उसे निजी भूमि के रूप में दर्शाने और सरकारी खजाने को चूना लगाने से संबंधित है। उत्‍तराखंड के राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा देने वाले इस मामले में चुप्‍पी तोड़ते हुए धामी सरकार ने कड़े कदम उठाए और घोटाले में संलिप्‍त पाए गए एक दर्जन अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है।

सेल डीड को निरस्‍त, जमीन मालिकों से धन की वापसी होगी

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इस भूमि घोटाले से संबंधित सेल डीड को निरस्त कर दिया गया है और जमीन के मालिक बनाए गए लोगों से धन की वापसी सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। लोगों का कहना है कि निष्‍पक्ष जांच हो तो यह मामला 100 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का हो सकता है।

तत्‍कालीन नगर आयुक्‍त के कार्यकाल में हुए कार्यों का विशेष आडिट 

 मुख्यमंत्री ने तत्कालीन नगर आयुक्त श्री वरुण चौधरी के कार्यकाल के दौरान नगर निगम हरिद्वार में हुए सभी कार्यों का विशेष ऑडिट कराए जाने के निर्देश दिए हैं ताकि वित्तीय अनियमितताओं की समुचित जांच की जा सके। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर दृढ़ता से कार्य कर रही है और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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