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Tokyo में करोड़ो का कारोबार छोड़ा, Uttarakhand आकर बने बाला कुंभा गुरुमुनि, जानिए पूरी कहानी

टोक्यो के 15 ब्यूटी स्टोर्स के मालिक, के कारोबारी रहे होशी ताकायुकी अब बने शिवभक्त 'बाला कुंभा गुरुमुनि', उत्तराखंड में कांवड़ियों के लिए भंडारा कर रहे हैं। पढ़ें आध्यात्मिक परिवर्तन की प्रेरणादायक कहानी।

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Dhiraj Dhillon
Hoshi Takayuki
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Uttarakhand News: 41 वर्षीय होशी ताकायुकी (Hoshi Takayuki), जो कभी टोक्यो में 15 ब्यूटी प्रोडक्ट स्टोर्स की एक बड़ी चेन के मालिक थे, अब दुनिया भर में एक शिवभक्त साधु के रूप में पहचाने जा रहे हैं। भगवा वस्त्रधारी ताकायुकी आजकल ‘बाला कुंभा गुरुमुनि’ के नाम से जाने जाते हैं और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान सेवा कार्य में लगे हुए हैं। जुलाई 2025 में भारत लौटे ताकायुकी, इन दिनों देहरादून में दो दिवसीय भंडारे का आयोजन कर रहे हैं। वे खुद को हिमालय में जन्मा आत्मा मानते हैं और उत्तराखंड में एक आश्रम व पुडुचेरी में शिव मंदिर निर्माण की योजना पर काम कर रहे हैं।

आध्यात्मिक सफर की शुरुआत: नाड़ी ज्योतिष से जीवन बदल गया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ताकायुकी का आध्यात्मिक सफर करीब 20 साल पहले तमिलनाडु में शुरू हुआ, जब उन्होंने नाड़ी ज्योतिष (Palm Leaf Astrology) का अनुभव किया। ताड़पत्रों से हुई भविष्यवाणी में बताया गया कि उनका पूर्व जन्म हिमालय में हुआ था और वे सनातन धर्म की ओर लौटेंगे। इसके बाद टोक्यो लौटते ही उन्हें एक दिव्य स्वप्न आया जिसमें उन्होंने खुद को उत्तराखंड की पहाड़ियों में देखा। यह अनुभव इतना गहरा था कि उन्होंने अपना पूरा बिजनेस शिष्यों को सौंप दिया, नाम बदल लिया और अपने टोक्यो स्थित घर को शिव मंदिर में बदल डाला।

Hoshi Takayuki

कांवड़ यात्रा में नंगे पांव, 20 जापानी अनुयायी भी साथ

ताकायुकी ने इस साल जुलाई में भारत लौटने के बाद कांवड़ यात्रा में हिस्सा लिया, और नंगे पांव गंगाजल लेकर चले। देहरादून में उन्होंने कांवड़ियों के लिए भंडारा आयोजित किया। उनके साथ 20 जापानी अनुयायी भी भगवा वस्त्र पहनकर सेवा कार्य में भाग ले रहे हैं।
ताकायुकी के मित्र रमेश सुंद्रीयाल के अनुसार, उन्होंने पुडुचेरी में 35 एकड़ जमीन खरीदी है, जहां वे एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करेंगे। इसके अलावा, उत्तराखंड में एक ध्यान आश्रम की भी योजना है।

युवाओं के लिए प्रेरणा: त्याग, साधना और सेवा की मिसाल

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ताकायुकी कहते हैं, “मुझे विश्वास है कि मेरा पूर्व जन्म यहीं देवभूमि उत्तराखंड में हुआ था। मैं आज भी उस जन्म की पहाड़ी बस्ती को खोज रहा हूं।” उनका यह जीवन परिवर्तन न केवल भारत के युवाओं बल्कि पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक जागृति और आत्म-साक्षात्कार की प्रेरणादायक मिसाल बन चुका है। latest uttarakhand news | Kanwar Mela 2025 | Kanwar Yatra
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