देहरादून, वाईबीएन डेस्क | उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं लोगों की सुविधा के लिए शुरू की गई थीं, लेकिन बीते सवा महीने में पांच बड़े हादसों ने इस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार, 15 जून को त्रिजुगीनारायण-गौरीकुंड मार्ग पर हुए हादसे में सात श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह घटना ऐसे समय में हुई जब राज्य में पहले ही चार हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं।
उत्तराखंड में बीते महीने हुए ये हादसे
08 मई 2025 – गंगनानी (गंगोत्री मार्ग)
12 मई 2025 – बद्रीनाथ हेलिपैड
17 मई 2025 – केदारनाथ (हेलिपैड क्षेत्र)
07 जून 2025 – बड़ासू (रुद्रप्रयाग)
15 जून 2025 – त्रिजुगीनारायण-गौरीकुंड मार्ग
सोशल मीडियो पर लोगों ने उठाए सवाल
हादसोंकी इस बढ़ती संख्या ने यह संकेत दे दिया है कि प्रशासनिक और तकनीकी लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सूत्रों के अनुसार, यात्रियों से भारी शुल्क लेकर हेलीकॉप्टर सेवाओं को व्यावसायिक टैक्सी सेवा की तरह चलाया जा रहा है, जिसमें मौसम की अनदेखी और रखरखाव में ढिलाई जैसी खामियां हादसों का कारण बन रही हैं।
पिछले हादसों में नहीं गई किसी की जान
बता दें, 17 मई 2025 – केदारनाथ हेलिपैड क्षेत्र(एयर-एम्बुलेंस) वाली घटना में AIIMS-ऋषिकेश संचालित संजीवनी हेलिकॉप्टर ने इमरजेंसी लैंडिंग की, टेल घुमाव के कारण आस-पास की जमीन को छू गया। यात्रियों को चोटें आईं, लेकिन कोई जान नहीं गई। वहीं 7 जून 2025 बड़ासू (रुद्रप्रयाग) वाली घटना में केदारनाथ रूट पर तकनीकी खराबी के कारण निजी केस्ट्रेल हेलिकॉप्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर इमरजेंसी लैंडिंग की। पांच यात्री सुरक्षित रहे, जबकि पायलट को मामूली चोट आई।