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Uttarakhand: विकास की दिशा तय करने को CS ने ली बैठक, जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगे

उत्तराखंड सचिव समिति की बैठक में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने 2047 के विकसित भारत लक्ष्य के तहत जिलों को दी दीर्घकालिक योजना बनाने की दिशा। EV सेक्टर, वैदिक गणित और पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण पर भी हुआ मंथन।

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Dhiraj Dhillon
Anand Bardhan, Chief Secretary of Uttarakhand

Photograph: (Google)

देहरादून, वाईबीएन संवाददाता। Uttarakhand News: उत्तराखंड के सचिवालय में मंगलवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में सभी जिलाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। बैठक में विकसित भारत- 2047 के दृष्टिकोण को केंद्र में रखते हुए जिलों से अपने-अपने स्तर पर विकसित ग्राम, शहर और जनपद की योजना तैयार करने को कहा गया। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति हर जिले द्वारा तय की जाए और एक स्थान को वैश्विक मानकों के अनुसार विकसित किया जाए।

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ईवी सेक्टर और तकनीकी प्रगति पर फोकस

Uttarakhand News: मुख्य सचिव ने कहा कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित सदी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी योजनाओं और कार्यों में नई प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए, आम जनमानस तक सरकारी योजनाओं और कार्यों का लाभ समय पर आमजन तक पहुंचाना है। मुख्य सचिव ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक आधारित है, इसलिए योजनाओं में नई तकनीक का समावेश जरूरी है। उन्होंने ईलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर के विकास को गति देने के निर्देश दिए और इसे रोजगार, पर्यावरण व टेक्नोलॉजी से जोड़ने पर बल दिया।

शिक्षा में नवाचार और वैदिक गणित को बढ़ावा

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Uttarakhand News: बैठक में वैदिक गणित को स्कूली और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही गई। इसके लिए शिक्षा विभाग को संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश मिले। साथ ही नई तकनीकों का प्रशिक्षण स्किल डेवलपमेंट से जोड़ने की आवश्यकता जताई गई। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वैदिक गणित को भी बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए उच्च शिक्षा, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा द्वारा मिलकर वैदिक गणित के क्षेत्र में कार्य किया जाए।

पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण और संरक्षण

मुख्य सचिव ने संस्कृति विभाग को निर्देशित किया कि प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण और संरक्षण डिजिटल एवं फिजिकल दोनों रूपों में किया जाए। साथ ही राज्य स्तरीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT) के गठन पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए कि पांडुलिपियों को डिजिटल एवं फिजिकल दोनों प्रकार से संरक्षित किया जाए। उन्होंने गृह एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से प्रदेश में स्टेट कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पाँस टीम भी तैयार किए जाने की बात कही।

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बैठक इन अधिकारियों की रही मौजूदगी

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, दीपक रावत, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान और युगल किशोर पंत समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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