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Varanasi News: BJP नेता की हत्या में सभी 16 दोषियों को उम्रकैद, फास्ट ट्रैक कोर्ट का बड़ा फैसला

वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह की हत्या के मामले में सभी 16 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। घटना अक्टूबर, 2022 में जयप्रकाश नगर में हुई थी।

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Dhiraj Dhillon
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कोर्ट की डीएम को चेतावनी Photograph: (YBN)

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वाराणसी, वाईबीएन डेस्क। भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह की हत्या मामले में वाराणसी की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 16 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह हत्या अक्टूबर 2022 में जयप्रकाश नगर इलाके में उस समय हुई थी जब भाजपा नेता अपने बेटे को बचाने पहुंचे थे। यह मामला लंबे समय से चर्चा में रहा था और भाजपा नेता के परिजन लगातार न्याय की मांग कर रहे थे। कोर्ट के इस फैसले को पीड़ित परिवार ने न्याय की जीत बताया है। पशुपतिनाथ सिंह का बेटा राजकुमार सिंह जयप्रकाश नगर स्थित एक शराब की दुकान के पास कुछ युवकों से उलझ गया था। झगड़ा शराब पीने को लेकर हुआ। जब पशुपतिनाथ सिंह अपने बेटे को बचाने पहुंचे, तो हमलावरों ने उन्हें घेर लिया और पीट-पीटकर हत्या कर दी।

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किन्हें सुनाई गई सजा?

भाजपा नेता की हत्या के आरोप में 16 आरोपियों को दोषी ठहराने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वालों में विकास भारद्वाज, मंटू सरोज, राहुल सरोज, मनीष पांडेय, गणेश सरोज, अभिषेक सरोज, दिनेश पाल, अनुप सरोज, सूरज यादव, रमेश पाल, अनुज उर्फ बाबू सरोज, श्याम बाबू राजभर, विशाल राजभर, संदीप कुमार गुप्ता, सुरेश सरोज और आर्य उर्फ आकाश सरोज श‌ामिल हैं।

जानिए क्या था मामला?

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12 अक्टूबर 2022 की शाम लगभग 7:15 बजे, जय प्रकाश नगर कॉलोनी स्थित देशी शराब के ठेके पर अभियुक्त मंटू सरोज और राहुल सरोज, अपने दो अन्य साथियों के साथ शराब पीने के पश्चात आपस में अशोभनीय गालियाँ देते हुए उपद्रव कर रहे थे। शराब ठेके के पास रहने वाले स्थानीय निवासी राजकुमार सिंह ने उन्हें इस व्यवहार से रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद वे वहाँ से चले गए। हालांकि, थोड़ी देर बाद मंटू सरोज, राहुल सरोज और अन्य आरोपित लगभग 15-20 लोगों के साथ, लोहे की रॉड, लाठी-डंडों से लैस होकर वापस लौटे। मंटू, राहुल और अभिषेक के ललकारने पर, उन सभी ने राजकुमार सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया। शोर सुनकर भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह मौके पर पहुंचे और अपने बेटे राजकुमार सिंह को बचाने का प्रयास करने लगे। इस पर हमलावरों ने पशुपतिनाथ सिंह को भी निशाना बनाकर उन पर गंभीर हमला किया, जिससे वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। घायलों को तत्काल बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने पशुपतिनाथ सिंह को मृत घोषित कर दिया।

बेटे ने दर्ज कराई गई थी एफआईआर

राजकुमार सिंह ने पुलिस को हमले में शामिल व्यक्तियों के नाम बताए। घटना की रिपोर्ट राजकुमार सिंह के भाई, रुद्रेश कुमार सिंह द्वारा दर्ज कराई गई। पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए सभी प्रमुख हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। घटना की विवेचना पूर्ण करने के उपरांत पुलिस ने 18 अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। इनमें से दो अभियुक्तों के नाबालिग होने के कारण उनकी पत्रावली किशोर न्यायालय में स्थानांतरित कर दी गई।

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