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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीएम रेखा गुप्ता को लिखे पत्र में राजधानी में ईओएल (End‑of‑Life) वाहन प्रतिबंध को लेकर तीखा विरोध जताया है। यह कदम 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर लगाया गया है, जिन्हें दिल्ली में ईंधन नहीं मिलने दिया जाएगा और यदि पाया गया तो उन्हें जब्त भी किया जाएगा
दिल्ली इस व्यवस्था के लिए तैयार नहीं
एलजी ने पत्र में स्पष्ट किया कि दिल्ली इस व्यवस्था के लिए तैयार नहीं है। उनका तर्क रहा कि मध्यवर्ग की आमदनी का बड़ा हिस्सा वाहन खरीद पर खर्च होता है और उसे अचानक 'अमान्य' घोषित करना सामाजिक और आर्थिक रूप से अनुचित है उन्होंने इस निर्णय को स्थगित करने की अपील की और अनुरोध किया कि इसे सुप्रीम कोर्ट में 2018 के आदेश की समीक्षा के लिए चुनौती दी जाए। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें हजारों नागरिकों, विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया मिली है जो इस प्रतिबंध को मूलभूत स्तर पर अनुपयुक्त मानते हैं और बताते हैं कि यह वायु प्रदूषण नियंत्रण में असरदायक नहीं होगा
जारी निर्देशों की व्यवहारिकता पर सवाल खड़े किए
सक्सेना ने CAQM द्वारा जारी निर्देशों की व्यवहारिकता पर सवाल खड़े किए। साथ ही उन्होंने इस नीति को अन्य महानगरों (जैसे मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद) में लागू न किए जाने को असमानता की दृष्टि से अनुचित बताया उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों में इस नीति के प्रति भावनात्मक जुड़ाव है और उसे लागू करने से वास्तविक धरातलीय तैयारियों के बिना लोगों को भारी परेशानी होगी । पत्र में वीके सक्सेना ने सुझाव दिया कि दिल्ली सरकार CAQM के प्रमुख से इस आदेश को स्थगित करने का अनुरोध करे साथ ही केंद्र और राज्य दोनों मिलकर सुप्रीम कोर्ट में रीव्यू याचिका दायर करें, ताकि नीति न केवल कानूनी बल्कि लागू करने योग्य भी हो। cm rekha gupta