Kanpur IIT
कानपुर, वाईबीएन संवाददाता। कानपुर आईआईटी कैंपस के छात्रावास-1 का कमरा नंबर 123 ए। इसमें रहने वाला इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष का छात्र धीरज सैनी(22) रविवार रात से ही साथियों को छात्रावास में दिखाई नहीं दे रहा था। बुधवार शाम को उसके बगल के कमरे में रहने वाले छात्रों ने उसके कमरे से बदबू आने पर किसी अनहोनी की आशंका में उसके कमरे के दरवाजे को खटखटाया भी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। थक हारकर छात्रों ने संस्थान प्रशासन को इसकी जानकारी दी।
बदबू इतनी कि खड़े होना मुश्किल
आनन फानन में वार्डन व सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर पहुंच कर दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर आई पुलिस ने दरवाजा तोड़ा। अंदर का मंजर हिलाकर रख देने वाला था। 22 साल के युवक का शव फंदे से लटक रहा था। शव से बदबू आ रही थी और वहां खड़े रहना भी मुश्किल हो रहा था। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की। फॉरेंसिक टीम को कुछ साक्ष्य मिले हैं। छात्र के मोबाइल, लैपटॉप व अन्य वस्तुओं को जांच के मकसद से पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। शुरुआती जांच में पुलिस छात्र की आत्महत्या का कारण अवसाद को मान रही है।
पिता बोले, दिसंबर में घर आने को कह रहा था
यह छात्र है 22 साल का धीरज सैनी। धीरज हरियाणा के महेंद्रगढ़ के बुचौली रोड शकरकुई के रहने वाले सतीश सैनी का पुत्र है। उसके पिता हलवाई का काम करते हैं। पिता सतीश सैनी ने बताया कि हाल ही में बेटे से बात हुई थी और उसने किसी भी तरह की परेशानी का जिक्र नहीं किया था। सतीश सैनी के अनुसार धीरज ने दिसंबर में छुट्टियों में घर आने की बात कही थी। धीरज ने कहा था कि जनवरी माह से कैंपस में कंपनियां इंटरव्यू के लिए आएंगी और मार्च तक नौकरी भी मिल जाएगी।
वहीं, डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि छात्र के आत्महत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है। हालांकि उसके साथियों ने बताया है कि वह कुछ दिनों से गुमसुम रह रहा था और किसी से बात भी नहीं कर रहा था। डीसीपी ने कहा कि जांच जारी है और छात्र के गुमसुम रहने के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।