नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
ओला इलैक्ट्रिक मोबिलिटी की मुश्किलें और संघर्ष खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। नौकरियों में कटौती संग विभिन्न मोर्चों पर ओला का संघर्ष जारी है। इसी बीच एक और खबर ने कंपनी की फजीहत करा दी है। कंपनी ने अपनी गीगाफैक्ट्री में समय पर सेल निर्माण शुरू कराने की डेडलाइन को गंवा दिया है। जिससे उसकी मुश्किल और बढ़ गई है।
आईएफसीआई लिमिटेड ने भेजा पत्र
कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल की गई फाइलिंग के अनुसार कंपनी ने कहा, "हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमें आईएफसीआई लिमिटेड से 3 मार्च 2025 को पत्र प्राप्त हुआ है। यह पत्र 28 जुलाई 2022 के कार्यक्रम समझौते की अनुसूची एम के अनुसार 'माइलस्टोन-1 की गैर-उपलब्धि' विषय पर है।" ओला इलेक्ट्रिक ने कहा, "कंपनी इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है और उचित प्रतिक्रिया दाखिल करने की प्रक्रिया में है।" आईएफसीआई एडवांस्ड कैमिस्ट्री सेल्स (एसीसी) के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी है। ओला इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी, ओला सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड पीएलआई योजना की लाभार्थी है।
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PLI योजना के तहत मंजूरी पाने वाली ओला पहली कंपनी
उद्योग सूत्रों के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी गीगाफैक्ट्री में सेल निर्माण कार्य शुरू करने की डेडलाइन को मिस कर दिया है। इसी तरह के पत्र रिलायंस न्यू एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड को भेजे गए हैं, जो पीएलआई योजना के दो अन्य लाभार्थी हैं। भाविश अग्रवाल द्वारा संचालित ओला इलेक्ट्रिक अक्टूबर 2023 में स्थानीयकृत सेल निर्माण के लिए पीएलआई योजना के तहत मंजूरी पाने वाली पहली कंपनी है। कंपनी को अपनी बोली और उसके बाद गीगाफैक्ट्री के निर्माण के लिए अधिकतम 20 गीगावाट घंटे की क्षमता प्रदान की गई। तीसरी तिमाही की अर्निंग कॉल के दौरान, अग्रवाल ने संकेत दिया कि गीगाफैक्ट्री वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में चालू हो जाएगी। योजना पहले वर्ष में ही 5 गीगावाट घंटे और 2027 तक 20 गीगावाट घंटे की उत्पादन क्षमता हासिल करने की थी। पहले 4,680 एनएमसी सेल का उत्पादन किया जाएगा, उसके बाद अगले कुछ वर्षों में एलएफपी सेल का उत्पादन किया जाएगा।
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कंपनी का लगातार बढ़ रहा घाटा
ओला इलेक्ट्रिक ने अब तक गीगाफैक्ट्री में 1,200 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ओला इलेक्ट्रिक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 564 करोड़ रुपये का भारी शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो दूसरी तिमाही में 495 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे की तुलना में 13.94 प्रतिशत की वृद्धि है। पिछले साल की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर शुद्ध घाटा 376 करोड़ रुपये से बढ़कर 50 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। कंपनी ने इस तिमाही के दौरान बढ़े हुए घाटे को "हाईली-कॉम्पटीटिव इंटेंसिटी और सर्विस चैलेंज" के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कथित तौर पर कुछ ही महीनों में नौकरी में कटौती के अपने दूसरे दौर में 1,000 से अधिक कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नौकरी से निकाल रही है।