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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। श्रीनगर के बाहरी इलाके दाचीगाम जंगल क्षेत्र में सोमवार को हुई एक मुठभेड़ में सेना के पैरा कमांडो दस्ते ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में सुलेमान उर्फ आसिफ भी शामिल था, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उस हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई थी। बाकी दो आतंकियों की पहचान यासिर और अबू हमजा के रूप में हुई है। ये तीनों आतंकी विदेशी थे और पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करते थे। सेना की ओर से इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन महादेव' नाम दिया गया।
कैसे पकड़े गए आतंकी?
इस ऑपरेशन की सबसे खास बात यह रही कि आतंकियों की लोकेशन एक चीनी मोबाइल डिवाइस की मदद से ट्रैक की गई। 11 जुलाई को बैसरन इलाके में एक सैटेलाइट मोबाइल मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को शक हुआ कि आतंकी इसी इलाके में छिपे हो सकते हैं। जांच के दौरान एक 'अल्ट्रा सेट' नाम का हाई-टेक रेडियो कम्युनिकेशन डिवाइस एक्टिव पाया गया, जो सीधे पाकिस्तान के कंट्रोल सेंटर से जुड़ा था।
क्या है ये अल्ट्रा सेट?
‘अल्ट्रा सेट’ एक विशेष किस्म का संचार उपकरण है, जिसे आम मोबाइल नेटवर्क जैसे GSM या CDMA पर नहीं चलाया जा सकता। यह खास तौर पर पाकिस्तानी सेना के लिए डिजाइन किया गया था और रेडियो सिग्नल के जरिए कंट्रोल सेंटर से जुड़ता है। इस डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे आतंकियों की सीधी आपस में बातचीत भी नहीं हो सकती, क्योंकि हर डिवाइस केवल एक खास नियंत्रण केंद्र से ही संपर्क में रहता है।
चीनी डिवाइस बना आतंकियों का अंत
सेना और खुफिया एजेंसियों ने इसी डिवाइस की एक्टिविटी को ट्रैक कर आतंकियों की मूवमेंट और छिपने की जगह की पहचान की। इसके बाद सेना ने दाचीगाम के जंगल में सटीक ऑपरेशन चलाकर तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। कहा जा सकता है कि आतंकियों का यही चीनी संचार डिवाइस उनकी मौत का कारण बना।