नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
अंतरिक्ष में एलियन के अस्तित्व को लेकर लम्बे समय से सवाल उठते रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इनकी मौजूदगी को लेकर कई दावे किए हैं। आए दिन एलियन से जुडी कोई न कोई खबर अखबार की सुर्खियां बनती रहती हैं। हाल ही वैज्ञानिकों ने इनको लेकर चौंकाने वाले दावे किए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी दूसरे गैलेक्सी से एलियन जैसे विजिटर्स की वजह से ग्रहों की चाल बदल गई है। पूरा सोलर सिस्टम इससे प्रभावित हो रहा है।
व्रहस्पति से भी बडा है आकार
इसका आकार बृहस्पति के द्रव्यमान से लगभग आठ गुना ज्यादा बड़ा बताया जा रहा है। कुछ समय पहले ये मंगल ग्रह के बहुत ही नजदीक से गुजरा है। जिससे मंगल, व्रहस्पति और नैप्चून ग्रहों की कक्षाओं पर प्रभाव पड़ा है। सामान्य परिस्थितियों में ग्रहों को सूर्य के चारों ओर एक ही प्लेन में स्थित होना चाहिए, जिससे इनको किनारे से देखने पर ये एक ही रेखा में नजर आते हैं। लेकिन ये ग्रह अपनी अलग- अलग कक्षाओं में गति करते हैं। इसलिए इनका एक ही रेखा में आना नामुमकिन है। एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों का कहना है कि आज ग्रहों की जो स्थिति है, वो आज से लगभग चार अरब साल पहले एलियन जैसे किसी बडे आकार के खगोलीय पिंड से टकराने के कारण बनी है। जो सूर्य के सबसे नजदीक होकर गुजरा था।
विजिट करने वाले खगोलीय पिंड के पास इतना गुरुत्वाकर्षण है कि ये ग्रहों को अपनी ओर खींचकर उनकी दिशा को बदल सकते हैं। यह पिंड मंगल ग्रह से दूरी 1.69 की खगोलीय दूरी पर था। एक खगोलीय दूरी सूर्य और पृथ्वी की दूरी के बराबर होती है। एक अन्य अध्ययन में यह भी कहा गया है कि ग्रहों की आपसी क्रियाओं के कारण उनकी स्थिति बदल गई होगी, लेकिन ये नई खोज इस बात को चुनौती देती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इस घटना की समीक्षा की जाएगी।
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