नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। क्वांटम कंप्यूटिंग की वैश्विक दौड़ में भारत ने बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप QpiAI के QpiAI-Indus क्वांटम कंप्यूटर के लॉन्च के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह भारत का पहला फुल-स्टैक क्वांटम कंप्यूटिंग सिस्टम है, जिसमें 25 सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट्स हैं। यह उपलब्धि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के तहत चयनित आठ स्टार्टअप्स में से एक, QpiAI की तकनीकी क्षमता को दर्शाती है। QpiAI-Indus न केवल भारत की क्वांटम आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है। भारत का सबसे शक्तिशाली क्वांटम कंप्यूटर विकसित हो गया है। इसे भारतीय स्टार्ट-अप QpiAI ने विकसित किया है।यह 25 सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट्स की विशेषता वाला कंप्यूटर है>Automated Fingerprint Identification System
QpiAI-Indus की विशेषताएं
QpiAI-Indus एक हाइब्रिड क्वांटम-क्लासिकल कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है, जो उन्नत क्वांटम हार्डवेयर, स्केलेबल कंट्रोल सिस्टम और AI-एन्हांस्ड सॉफ्टवेयर का संयोजन करता है। इसमें 25 क्यूबिट्स हैं, जो क्रायोजेनिक तापमान (लगभग 10 मिलीकेल्विन) पर सुपरकंडक्टिंग ट्रांसमॉन क्यूबिट्स के रूप में कार्य करते हैं।
हाई-स्पीड नेटवर्क से जुड़ा है
QpiAISense तकनीक, जो माइक्रोवेव सिग्नल जनरेशन और क्यूबिट मैनिपुलेशन के लिए उपयोग होती है, इसकी एक प्रमुख इनोवेशन है। यह सिस्टम इंटेल ज़ीऑन CPUs और NVIDIA GPUs के साथ हाई-स्पीड नेटवर्क से जुड़ा है, जो क्वांटम और क्लासिकल प्रोसेसिंग को एकीकृत करता है। इसका इंटेलिजेंट कंपाइलर जटिल क्वांटम एल्गोरिदम को सरल बनाता है, जिससे डेवलपर्स के लिए इसे उपयोग करना आसान हो जाता है।
QpiAI-Indus के उपयोग
QpiAI-Indus का उपयोग कई क्षेत्रों में हो सकता है, जो इसे एक बहुमुखी तकनीक बनाता है। लाइफ साइंसेज और हेल्थकेयर: क्वांटम कंप्यूटिंग दवा खोज और आणविक मॉडलिंग में क्रांति ला सकती है। QpiAI-Indus जटिल बायोमोलेक्यूल्स के व्यवहार का अनुकरण कर सकता है, जिससे नई दवाओं का विकास तेज और लागत-प्रभावी हो सकता है।
मटेरियल्स डिस्कवरी: यह नई सामग्रियों के गुणों का विश्लेषण करने में सक्षम है, जो बैटरी प्रौद्योगिकी, सुपरकंडक्टर्स और नैनोटेक्नोलॉजी में उपयोगी हो सकता है।
लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन: क्वांटम एल्गोरिदम जटिल ऑप्टिमाइज़ेशन समस्याओं को हल कर सकते हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स में दक्षता बढ़ती है और लागत कम होती है।
जलवायु प्रौद्योगिकी: जलवायु मॉडलिंग और कार्बन कैप्चर जैसी तकनीकों में QpiAI-Indus महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, जो पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा।
वित्तीय सेवाएं: यह जोखिम विश्लेषण, पोर्टफोलियो ऑप्टिमाइज़ेशन और क्रिप्टोग्राफी में उपयोगी हो सकता है, जहां तेज और सटीक गणना आवश्यक है।
QpiAI ने 2027 तक 128 क्यूबिट्स (कोडनेम: कावेरी) और 2030 तक 100 लॉजिकल क्यूबिट्स तक स्केल करने की योजना बनाई है। इसके सिंगल-क्यूबिट गेट फिडेलिटी (99.7%) और टू-क्यूबिट गेट फिडेलिटी (96%) पहले से ही प्रभावशाली हैं, और T1/T2 समय को 2026 तक 1 मिलीसेकंड तक बढ़ाने का लक्ष्य है। यह भारत को वैश्विक क्वांटम कंप्यूटिंग दौड़ में अग्रणी बनाएगा।
भारत के लिए महत्व
QpiAI-Indus का लॉन्च भारत के तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम की परिपक्वता को दर्शाता है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और SIDBI जैसे सरकारी समर्थन ने इस उपलब्धि को संभव बनाया है। यह सिस्टम न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा, बल्कि उद्योगों को क्वांटम प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे भारत वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बन सके।
क्वांटम कंप्यूटिंग क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम
QpiAI-Indus भारत के क्वांटम कंप्यूटिंग क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है, बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण, और उद्योग जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है। QpiAI की महत्वाकांक्षी योजनाएं और सरकारी समर्थन भारत को क्वांटम क्रांति में अग्रणी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम हैं।