नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 212 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे लगभग पूरा हो चुका है। कोर्ट स्टे के चलते जमीन का छोटा साथ टुकड़ा इसमें बाधा बना हुआ है। इसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी का ड्रीम प्रोजेक्ट करीब दो माह लेट हुआ है, लेकिन जल्द ही यह बाधा दूर होगी और जून के पहले सप्ताह में इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन फर्राटा भरने लगेंगे। पूरी उम्मीद है कि इस बार आप गर्मी की छुट्टियां मनाने मसूरी जाएंगे तो यह एक्सप्रेस-वे आपकी छुट्टियों का मजा कई गुना बढ़ा देगा। इतना ही नहीं दिल्ली से देहरादून का सफर करने में अब आपको पांच नहीं, केवल ढाई घंटे ही लगेंगे।
मंडोला गांव के किसान ने लिया था स्टे
दिल्ली-गाजियाबाद सीमा के निकट मंडोला गांव में स्थित एक घर इसके निर्माण में बाधा बना हुआ है। यह संपत्ति पूर्व में वीरसेन सरोहा के स्वामित्व में थी। 1990 के दशक से यह भूमि यूपी हाउसिंग बोर्ड और मालिक पक्ष के बीच कानूनी विवाद में उलझी हुई है। वीरसेन सरोहा द्वारा अधिग्रहण के खिलाफ कोर्ट से स्थगन (स्टे) आदेश लिया गया था। उनके निधन के पश्चात, 2024 में उनके पोते लक्ष्यवीर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें यूपी हाउसिंग बोर्ड द्वारा एनएचएआई को जमीन सौंपने को अवैध बताया गया। सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ को सौंपते हुए एक्सप्रेस-वे की महत्ता के मद्देनजर शीघ्र समाधान के निर्देश दिए हैं।
एक्सप्रेस- वे के बारे में जानिए
दिल्ली से देहरादून के बीच 210 किलोमीटर लंबे इस हाईस्पीड कॉरिडोर के बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी महज 2.5 घंटे में तय की जा सकेगी, जो अभी लगभग 5 घंटे लेती है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 13 हजार करोड़ रुपये की लागत आ रही है। एक्सप्रेसवे का निर्माण चार चरणों में किया गया है। पहला चरण, अक्षरधाम मंदिर से ईस्टर्न पेरिफेरल वे तक (31.6 किमी), जिसका कार्य लगभग पूरा हो चुका है। दूसरा चरण, ईस्टर्न पेरिफेरल से सहारनपुर बाइपास तक (118 किमी)। तीसरा चरण, सहारनपुर बाइपास से गणेशपुर तक (41.8 किमी)। चौथा चरण, गणेशपुर से आशारोड़ी चौक, देहरादून तक (19.78 किमी)।
पर्यावरण संरक्षण का रखा गया है विशेष ध्यान
निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरण सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा गया है। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हरियाली सुनिश्चित की जा रही है, जिससे यात्रा के दौरान सुंदर प्राकृतिक दृश्य भी देखने को मिलेंगे। साथ ही, यात्रियों की सुविधा के लिए पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट और आपातकालीन सेवाओं जैसी व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं। केंद्रीय परिवहन राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने पिछले सप्ताह एक्सप्रेसवे का निरीक्षण करते हुए जानकारी दी थी कि निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और जून तक इसे शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि खजूरी चौक पर ट्रैफिक सुधार के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है, ताकि एक्सप्रेसवे का संचालन सुगमता से हो सके। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के तैयार हो जाने से न सिर्फ यात्रा समय कम होगा, बल्कि दिल्ली और उत्तराखंड के बीच व्यापार और पर्यटन को भी नया बढ़ावा मिलेगा।