नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
चीन तकनीकी जगत में पूरी दुनिया का अपना लोहा मनवा चुका है। हाल ही में चीन के डीपसीक ने पूरी दुनिया में अपनी जबरदश्त तकनीकी क्षमता से तहलका मचा दिया। इसी दिशा में चीन ने एक और कदम बढाया है। चीन ने ऐसा दावा किया है कि उसने ऐसी तकनीकी को विकसित कर लिया है, जिससे समुद्र के अंदर चलने वाली सब मरीन का आसानी से पता लगाया जा सकता है। शियान स्थित नॉर्थवेस्टर्न पॉलिटेक्निकल यूनिवर्सिटी (एनपीयू) के शोधकर्ताओं ने पानी के नीचे चलने वाले सबसे शांत जहाजों का पता लगाने के लिए उनके तरंगों से उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्रों का उपयोग करके उसकी स्थिति का पता लगाया जा सकता है। चीन की ये नई खोज पूरी दुनिया को चिंता में डाल सकती है। इससे कई देशों की नौसैना को की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने बनाया मॉडल
एसोसिएट प्रोफेसर वांग होंगलेई के नेतृत्व में, टीम ने केल्विन वेक का मॉडल तैयार किया, जो पनडुब्बियों द्वारा पानी के माध्यम से कटाव के दौरान बनाई गई वी-आकार की सतह को पकड लेता है। यह वेक, जिसका पहले रडार-आधारित इमेजरी डिटेक्शन के लिए अध्ययन किया गया था। यह हल्का होने के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। पानी मौजूद जहाज आपस में बात करने के लिए पृथ्वी के भू-चुंबकीय क्षेत्र की सहायता से बातचीत करते हैं।
सीवुल्फ पनडुब्बी को भी किया जा सकता डिटेक्ट
सिमुलेशन का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने यह निर्धारित किया कि ये चुंबकीय क्षेत्र पनडुब्बी की गति, गहराई और आकार के साथ कैसे भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, गति को 2.5 मीटर प्रति सेकंड (8.2 फीट प्रति सेकंड) बढ़ाने से चुंबकीय तीव्रता दस गुना बढ़ जाती है; गहराई को 20 मीटर (66 फीट) कम करने से क्षेत्र की ताकत दोगुनी हो जाती है; और लंबी पनडुब्बियां कमजोर क्षेत्र उत्पन्न करती हैं, जबकि चौड़े पतवार उन्हें बढ़ाते हैं।
वांग और उनके सहयोगियों के अनुसार, 24 नॉट्स (12.5 मीटर प्रति सेकंड) की गति और 30 मीटर (98 फीट) की गहराई पर यात्रा करने वाली सीवुल्फ श्रेणी की पनडुब्बी के लिए, चुंबकीय क्षेत्र 10⁻¹² टेस्ला तक पहुंच जाता है - जो "मौजूदा हवाई मैग्नेटोमीटर की संवेदनशीलता सीमा के भीतर है"।
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