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DeepSeek पर कसता शिकंजा, इस देश ने लगाया बैन

चाइनीज एआई चैटबॉट डीपसीक अपने लॉन्‍च होने के समय से ही चर्चा का विषय बना हुआ है। कई देशों ने इसके इस्‍तेमाल को लेकर चिंता जाहिर की है। डीपसीक को प्राइवेसी के लिए खतरा बताया जा रहा है।

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Suraj Kumar
DEEPSEEK SOUTH KOREA
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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चाइनीज एआई चैटबॉट डीपसीक अपने लॉन्‍च होने के समय से ही चर्चा का विषय बना हुआ है। इसने आते ही दिग्‍गजों को धराशाही कर दिया और एप्‍पल के ऐप स्‍टोर पर सबसे अधिक डाउनलॉड होने वाला ऐप बन गया। इसके आने से अमेरिकी टेक बाजार को काफी नुकसान भी झेलना पडा था। लेकिन हाल ही में कई देशों ने इसके इस्‍तेमाल को लेकर चिंता जाहिर की है। डीपसीक को प्राइवेसी के लिए खतरा बताया जा रहा है।

अमेरिका के बाद कोरिया का वार 

अमेरिका के बाद अब कई देश चाइनीज AI चैटबॉट डीपसीक  पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। अब इस फेहरिस्त में शामिल होने वाला सबसे नया देश दक्षिण कोरिया है। DeepSeek को साउथ कोरिया में बडा झटका लगा है। देश की पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमिशन ने DeepSeek के AI चैटबॉट एप्स की डाउनलोडिंग फिलहाल रोक दी है। साउथ कोरियन अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी से डेटा प्राइवेसी को लेकर उठे सवालों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिसके बाद ऐप्स को दोबारा उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा।

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एप्‍पल और गूगल प्‍ले स्‍टोर से हटाया गया ऐप 

ऐसा बताया जा रहा है कि Deepseek के सभी ऐप्‍स को गूगल प्‍ले स्‍टोर और एप्‍पल स्‍टोर से हटा दिया गया है। हालांकि साउथ कोरिया में जो यूजर्स इसका पहले से इस्‍तेमाल कर रहे हैं , वे अब भी इसका यूज कर पाएंगे। 

क्‍या है वजह ? 

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डीपसीक को यूजर्स की प्राइवेसी के लिए बताया जा रहा है। इसको देखते हुए ये निर्णय लिया गया है।  साउथ कोरिया के पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमिशन के निदेशक सियोक ने DeepSeek यूजर्स को ऐप को डिलीट करने या इसमें अपनी निजी जानकारी दर्ज न करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि जब तक कंपनी जरूरी सुधार नहीं करती, तब तक यूजर्स को सतर्क रहना चाहिए। देश में इसको लेकर चिंता इतनी बढ गई है कि सरकारी संस्थानों और कंपनियों ने DeepSeek को अपनी नेटवर्क सर्विस से ब्लॉक कर दिया है। 

 

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