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भारत की स्मार्टफोन इंडस्ट्री को मिलेगा अमेरिकी टैरिफ से बूस्ट

अमेरिकी टैरिफ नीतियों से भारत की स्मार्टफोन इंडस्ट्री को लाभ हो सकता है, क्योंकि वैश्विक कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बढ़ाने का विचार कर रही हैं।

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Ajit Kumar Pandey
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ नियमों से भारत की स्मार्टफोन इंडस्ट्री को बड़ा फायदा हो सकता है। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इन टैरिफ नियमों के कारण भारत से स्मार्टफोन निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना है।

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कम टैरिफ दरों के चलते वैश्विक कंपनियां भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। इसके अलावा, गूगल जैसी दिग्गज कंपनी भी अपने स्मार्टफोन प्रोडक्शन को वियतनाम से भारत में स्थानांतरित करने की योजना बना रही है।

ट्रंप के टैरिफ और स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर असर

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कई देशों पर व्यापारिक टैरिफ लगाए, जिसके बाद स्मार्टफोन इंडस्ट्री में अनिश्चितता बढ़ गई। अप्रैल की शुरुआत में ट्रंप ने कुछ देशों पर टैरिफ लागू किए, लेकिन बाद में इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया।

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इस बीच, चीन के साथ टैरिफ को लेकर उनकी बातचीत जारी रही। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि चीन में निर्मित स्मार्टफोन्स को टैरिफ में किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। इससे अमेरिकी बाजार में चीन में बने स्मार्टफोन्स की कीमतें बढ़ने की आशंका है, क्योंकि अधिकांश स्मार्टफोन वहीं बनाए जाते हैं।

स्मार्टफोन आयात में भारत की स्थिति

अमेरिकी इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अमेरिका ने अपने कुल स्मार्टफोन आयात का 81% से अधिक चीन से किया। भारत 13.7% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि वियतनाम 4.2% के साथ तीसरे स्थान पर था। पिछले साल की तुलना में भारत की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हुई है, जो 2023 में 8.4% थी।

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भारत को कैसे होगा फायदा?

अमेरिका की मौजूदा टैरिफ नीति भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। व्हाइट हाउस के अनुसार, चीन पर 245% टैरिफ लागू है, वियतनाम पर 46%, जबकि भारत पर केवल 26% टैरिफ है। इसका मतलब है कि भारत से निर्यात किए जाने वाले स्मार्टफोन्स की लागत अन्य देशों की तुलना में कम होगी।

क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत से स्मार्टफोन निर्यात की लागत अगर चीन और वियतनाम से कम रही, तो भारत को बड़ा लाभ होगा। उदाहरण के तौर पर, चीन में निर्मित iPhone 13 Pro (256 GB) की कीमत अमेरिका में 480-580 डॉलर के बीच है, जबकि भारत में बने उसी मॉडल की कीमत 550-650 डॉलर है। टैरिफ के कारण चीन में बने स्मार्टफोन्स की कीमत और बढ़ेगी, जिससे कंपनियां भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगी।

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गूगल की नजर अब भारत पर

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक भी भारत में अपने पिक्सल स्मार्टफोन्स के उत्पादन को बढ़ाने की योजना बना रही है। कंपनी ने भारत की दो बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, डिक्सन टेक्नोलॉजीज और फॉक्सकॉन, के साथ इस संबंध में चर्चा शुरू की है। गूगल का लक्ष्य है कि अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले पिक्सल स्मार्टफोन्स का उत्पादन वियतनाम से भारत में शिफ्ट हो।

इसके पीछे कारण है अमेरिका और वियतनाम के बीच व्यापारिक तनाव। अमेरिका ने वियतनाम से आयात पर अधिक टैक्स लगाने की चेतावनी दी है। ऐसे में गूगल भारत में स्मार्टफोन के कुछ हिस्सों, जैसे बैटरी, चार्जर, फिंगरप्रिंट सेंसर और बाहरी कवर, का उत्पादन शुरू करना चाहता है। इससे कंपनी की सप्लाई चेन में विविधता आएगी और वह किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहेगी।

अमेरिकी टैरिफ नीतियों के चलते भारत की स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए सुनहरा अवसर पैदा हो रहा है। कम टैरिफ दरों और बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के साथ भारत वैश्विक स्मार्टफोन उत्पादन का एक बड़ा केंद्र बन सकता है। अगर कंपनियां भारत में उत्पादन बढ़ाती हैं, तो न केवल निर्यात में वृद्धि होगी, बल्कि देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।  business news | business update |

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