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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। नरेंद्र मोदी सरकार के गृह मंत्रालय ने फैसला लिया है कि लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास पासवान) के सर्वेसर्वा पशुपति नाथ पारस समेत 19 पूर्व मंत्रियों को अब सरकारी सिक्योरिटी नहीं मिलेगी। ये सारे लोग कुर्सी जाने के बाद भी Y security कवर का लुत्फ उठा रहे थे। हालांकि सरकार ने स्मृति ईरानी समेत 3 पूर्व मंत्रियों को मिल रही सुरक्षा व्यवस्था को बहाल रखने का फैसला लिया है। ये किन कारणों से लिया गया है ये स्पष्ट नहीं है। लेकिन होम मिनिस्ट्री ने अपने आदेश में कहा है कि स्मृति ईरानी के साथ आर्मी के जनरल रहे वीके सिंह के साथ अजय भट्ट को मिल रहा सिक्योरिटी कवर अगले 6 माह तक बहाल रहेगा। India politics today | Kosi region politics
कुछ जजों को मिल रहे सिक्योरिटी कवर को जारी रखा जाएगा
होम मिनिस्ट्री का कानून कहता है कि खतरे की आशंका को देखते हुए दी जा रही सुरक्षा व्यवस्था को व्यक्ति विशेष का कार्यकाल पूरा होने के बाद रिव्यू किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा कोई रिव्यू लंबे अर्से से नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस ने अपने स्तर पर पड़ताल के बाद होम मिनिस्ट्री बीते साल दिसंबर में अनुशंसा भेजी थी। इसमें कहा गया था कि बीजेपी के 21 और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास पासवान) के पशुपति नाथ पारस को दिए जा रहे सिक्योरिटी कवर का कोई मतलब नहीं है। इन सभी लोगों को ऐसा कोई खतरा नहीं है जिसके चलते इनको दिया जा रहा Y security कवर जारी रखा जाए। उसके बाद गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया। गृह मंत्रालय की लिस्ट में कुछ जजों के साथ सांसदों के नाम भी हैं। हालांकि सरकार ने कुछ जजों को दिए जा रहे सिक्योरिटी कवर को जारी रखने का फैसला लिया है।
विजय गोयल, अश्वनि चौबे और बिरेंद्र सिंह की भी सिक्योरिटी हटी
बीजेपी के जिन पूर्व मंत्रियों की सिक्योरिटी हटाई गई है उनमें माइक्रो, स्माल और मीडियम इंटरप्राइजेज के मिनिस्ट आफ स्टेट रहे भानू प्रताप सिंह वर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह, कम्युनिकेशन मंत्री रह चुके देवुसिंह चौहान, आदिवासी कल्याण मामलों के मंत्री रहे जसवंत सिंह, विदेश मंत्रालय में काम कर चुके राजकुमार रंजन सिंह के नाम शामिल हैं। अन्य पूर्व मंत्रियों में डा. राम शंकर कथेरिया, रामेश्वर तेली, सुरिंदर जीत सिंह आहलूवालिया, सुदर्शन भगत, वी मुरलीधरन, विजय गोयल, ए नारायणस्वामी, अश्वनि कुमार चौबे, डा. भगवंत किशनराव कराड़, जान बिरला, महेंद्र नाथ पांडेय, डा. महेंद्र मुंजापारा के नाम शामिल हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार सुरक्षा घेरा मुहैया कराने का काम संबंधित नेता या अधिकारी के स्टेटस के अलावा कुछ और कारणों से भी लेती है। अगर खुफिया एजेंसियां जैसे आईबी और रा अपनी रिपोर्ट में ये आशंका जाहिर करती हैं कि अमुक नेता या महत्वपूर्ण अधिकारी या जज को खतरा है तो होम मिनिस्ट्री उनको सुरक्षा उपलब्ध करा सकती है। लेकिन इस तरह के खतरे का रिव्यू किया जाना होता है।
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