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जानिए Wakf Bill के अलावा संसद में और कौन से बिल हुए पास, जो डाल सकते हैं जिंदगी पर असर

संसद के बजट सत्र 2025 के दूसरा चरण विधायी कार्यों और चर्चाओं के लिए महत्वपूर्ण रहा। यह सत्र 10 मार्च 2025 से शुरू हुआ और 4 अप्रैल 2025 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए।

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Mukesh Pandit
भारत की संसद

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क 

संसद के बजट सत्र 2025 के दूसरे चरण में विधायी कार्यों और चर्चाओं का महत्वपूर्ण दौर देखने को मिला। यह सत्र 10 मार्च 2025 से शुरू हुआ और 4 अप्रैल 2025 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए और पास हुए, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे आप्रवासन, वक्फ संपत्ति, और आर्थिक प्रबंधन से जुड़े थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र की 26 बैठकों में 160 घंटे 48 मिनट तक कामकाज हुआ, जिसमें लोकसभा की उत्पादकता 118% और राज्यसभा की उत्पादकता 90% रही।हालांकि वक्फ संशोधन विधेयक  विशेष चर्चाओं के केंद्र में रहा, लेकिन इस सत्र में 16 अन्य बिल भी पेश और पारित किए गए। आइए जानते हैं इन विधेयकों के बारे में...

विमान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025

संसद ने विमान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक को पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में पारित किया गया। यह भारत के विमानन क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसका उद्देश्य विमान पट्टे (लीजिंग) और वित्त पोषण की प्रक्रिया को सरल बनाना और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

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विमान पट्टे की लागत अन्य देशों की तुलना में अधिक

यह विधेयक ‘केप टाउन कन्वेंशन, 2001’ के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसे भारत ने 2008 में अपनाया था। हालांकि, प्रभावी कानूनी सुरक्षा की कमी के कारण भारत में विमान पट्टे की लागत अन्य देशों की तुलना में 8 से 10 प्रतिशत अधिक थी। नया कानून इन कमियों को दूर करेगा और विमान वित्त पोषण को अधिक सुरक्षित और किफायती बनाएगा। इससे भारतीय विमानन कंपनियों को सस्ती दरों पर लीजिंग की सुविधा मिलेगी और उनकी परिचालन लागत कम होगी।

प्रतिवर्ष 22.81 ने की विमान यात्रा

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वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री ने भारत के विमानन क्षेत्र में हुई तेज वृद्धि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में प्रति वर्ष 10.38 करोड़ लोग हवाई यात्रा करते थे, जो 2024 तक बढ़कर 22.81 करोड़ हो गया है। इसी अवधि में देश में हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 159 हो गई है, और जल्द ही दो और हवाई अड्डे शुरू किए जाएंगे। साथ ही, 2014 में भारत में 340 विमान थे, जो 2024 तक बढ़कर 840 हो गए हैं।

अन्य प्रमुख विधेयक 

आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025 (Immigration and Foreigners Bill, 2025)

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यह विधेयक लोकसभा में पेश किया गया और इसका उद्देश्य भारत में प्रवेश करने और बाहर जाने वाले लोगों के लिए पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों को अनिवार्य करना और विदेशी नागरिकों से संबंधित मामलों को विनियमित करना था। इसमें वीजा और पंजीकरण से जुड़े प्रावधान शामिल थे। यह विधेयक केंद्र सरकार को विदेशियों के प्रबंधन में अधिक शक्तियां प्रदान करता है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 (Waqf Amendment Bill, 2025)

यह विधेयक सबसे चर्चित रहा। इसे पहले अगस्त 2024 में पेश किया गया था और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था। 2025 के इस सत्र में इसे संशोधनों के साथ दोबारा पेश किया गया। विधेयक में वक्फ संपत्तियों की देखरेख और प्रबंधन में पारदर्शिता लाने, गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने, और दानदाताओं की पात्रता (5 साल तक इस्लाम का पालन) जैसे प्रावधान शामिल थे। विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया, लेकिन एनडीए गठबंधन के समर्थन से यह पास हो गया।

रेलवे संशोधन विधेयक, 2025

इस विधेयक का उद्देश्य रेलवे प्रणाली में सुधार और आधुनिकीकरण था। इसमें रेल मंत्रालय के प्रस्तावित संशोधनों को शामिल किया गया, हालांकि विपक्षी सांसदों के संशोधन पारित नहीं हुए।

वित्त विधेयक, 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे पेश किया, जिसमें बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने और अनुदान मांगों को मंजूरी दिलाने का प्रावधान था। यह विधेयक आर्थिक नीतियों को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण था।

मणिपुर बजट संबंधी विधेयक

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद वित्त मंत्री ने राज्य का बजट पेश किया। इसमें राज्य के विकास और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के लिए धन आवंटन शामिल था।

इस सत्र में पिछले सत्रों से लंबित कुछ विधेयकों को भी पारित किया गया, जैसे:

बीज विधेयक, 2004: कृषि क्षेत्र में बीज उत्पादन और वितरण को विनियमित करने के लिए।
मध्यस्थता विधेयक, 2021: विवाद समाधान प्रक्रिया को तेज करने के लिए। 
पंजीकरण विधेयक, 2013: जन्म-मृत्यु पंजीकरण में सुधार के लिए।



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