नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क :
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट से आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चुनाव की घोषणा से ऐन पहले सामने आई कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो परियोजना की अनुमानित लागत से 342 % अधिक था। कैग रिपोर्ट में परियोजना के सभी चरणों में अलग-अलग अनियमितताओं को चिह्नित किया गया है, इसे अभी दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाना है। फिलहाल रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बना सकती है।
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भाजपा ने केजरीवाल पर लगाई आरोपों की झड़ी
भाजपा ने सोमवार को दिल्ली में आनन-फानन प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कैग रिपोर्ट का हवाला देकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया और अपना हमला तेज कर दिया। भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2022 की रिपोर्ट में 'शीश महल' पर 33.86 करोड़ रुपये के खर्च का हवाला दिया गया है, लेकिन वास्तविक लागत इससे कहीं अधिक है। उन्होंने दावा किया, ‘यह रिपोर्ट 2022 तक के खर्च से संबंधित है। अभी 2023 और 2024 के खर्चों का खुलासा नहीं हुआ है। सचदेवा ने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, बंगले में मौजूद वस्तुओं की सूची को शामिल करने पर वास्तविक लागत 75-80 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। भाजपा ने दावा किया कि सीएजी की रिपोर्ट में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पिछले फ्लैग स्टाफ रोड स्थित आवास से जुड़े 139 सवाल उठाए गए हैं और उनके 'काले कारनामों' को उजागर किया गया है।
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पीएम मोदी ने शीशमहल पर कसा था तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में रैली के दौरान बिना नाम लिए केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्होंने 'शीश महल' बनवाया है। पीएम ने कहा था कि दिल्ली के सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के बजाय ‘महल’ पर ध्यान दिया जा रहा है। सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली शहरी कला आयोग और दिल्ली नगर निगम की अनुमति के बिना बंगले का पुनर्निर्माण किया गया। उन्होंने सवाल किया, ‘एक मुख्यमंत्री ने अनधिकृत तरीके से बंगले का निर्माण करके दिल्ली को क्या संदेश दिया?’ सचदेवा ने कहा कि अगर बंगले की वास्तविक लागत निर्धारित की जानी है, तो लोक निर्माण और अन्य विभागों के खातों की जांच करनी होगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग ने बंगले के निर्माण के लिए सरकारी एजेंसी के रूप में काम करने के बजाय केजरीवाल को खुश करने के लिए ‘निजी संगठन’ के रूप में काम किया।
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सोने के परत चढ़ी थीं टॉयलेट सीटें
कैग रिपोर्ट में भी साफ तौर पर कहा गया है कि उसे पूरी जानकारी नहीं दी गई। केजरीवाल के शीशमहल खाली करने के बाद पीडब्ल्यूडी ने हाल ही में जो सूची बनाई है, उसमें करोड़ों की सामग्री और लग्जरी सामान है। इसके अलावा केजरीवाल ने घर खाली करने से पहले सोने की परत चढ़ी टॉयलेट सीट और वॉश बेसिन को भी हटा दिया है। इस आधार पर कुल लागत 75-80 करोड़ रुपये है।' इस मामले पर एक्स पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएम आवास की दीवारों पर संगमरमर के पत्थर लगाने पर 46 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च किए गए, जबकि स्मार्ट एलईडी लाइट्स पर 47 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च किए गए और मॉड्यूलर किचन, बड़ी एलईडी स्क्रीन वाले टीवी, रेफ्रिजरेटर, सौना और जकूजी जैसी लग्जरी चीजें लगाई गईं। इस मामले में आम आदमी पार्टी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
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