Congress New Office: कांग्रेस को मिला नया AICC दफ्तर, नाम पर विवाद
सोनिया गांधी ने 9A, कोटला रोड स्थित नए कार्यालय का उद्घाटन किया। पहले मुख्यालय 24 अकबर रोड पर था। विवाद भी सामने आया, जब कांग्रेस मुख्यालय का नाम इंदिरा भवन के स्थान पर ‘सरदार मनमोहन सिंह’ कार्यालय का नाम रखे जाने की मांग को लेकर पोस्टर सामने आया है।
कांग्रेस को लगभग डेढ़ दशक के बाद नया मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ बुधवार को मिल गया। कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 9A, कोटला रोड स्थित नए कार्यालय का उद्घाटन किया। पहले कांग्रेस का मुख्यालय 24 अकबर रोड पर था। उद्घाटन के मौके पर विवाद भी सामने आया, जब कांग्रेस मुख्यालय का नाम ‘सरदार मनमोहन सिंह’ कार्यालय का नाम रखे जाने की मांग को लेकर पोस्टर सामने आया है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सफाई दे रही है। इसे लेकर पार्टी नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं।
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कांग्रेस मुख्यालय अब अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दीप प्रज्जवलित करके और झंडा फहराकर पार्टी के नए मुख्यालय का समारोहपूर्वक विधिवत उद्घटान किया। इसके साथ ही 24 अकबर रोड पर रहने के बाद अब कांग्रेस मुख्यालय अब अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 9ए कोटला मार्ग स्थित इंदिरा भवन में शिफ्ट हो जाएगा। कहा जा रहा है कि मार्च के आखिर तक सभी फ्रंटल संगठन नए इंदिरा भवन में शिफ्ट हो जाएंगे। कांग्रेस के नए भवन के उद्घाटन समारोह में पार्टी ने उद्घाटन समारोह में 400 से अधिक शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया था। इनमें सांसद, प्रदेश अध्यक्ष, विधायक और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य शामिल हैं।
सामाजिक न्याय की नींव पर कांग्रेस मुख्यालय
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उधर, पार्टी ने नए भवन के उद्घाटन को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें लिखा, लोकतंत्र, राष्ट्रवाद, धर्म निरपेक्षता, समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की नींव पर कांग्रेस मुख्यालय। कांग्रेस के 140 साल पुराने गौरवशाली इतिहास को खुद में संजोए यहां की दीवारें सत्य, अहिंसा, त्याग, संघर्ष और देश प्रेम की महा गाथा बयां कर रही हैं। कांग्रेस एक नई ऊर्जा, एक नए संकल्प और नए विश्वास के साथ भारत के उज्जवल, भविष्य का गढ़ने, लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने और न्याय का परचम लहराने के लिए तैयार है।
नए कांग्रेस मुख्यालय पर लगा पोस्टर। Photograph: (x)
नाम सरदार मनमोहन सिंह भवन किए जाने की मांग
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इस बीच नए भवन के नाम को लेकर विवाद भी सामने आ गया। किसी ने मुख्यालय के बाहर नए कार्यालय का नाम सरदार मनमोहन सिंह भवन किए जाने की मांग करते हुए पोस्टर लगा दिए। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सफाई भी दी। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने कहा, मनमोहन सिंह ने देश को आगे ले जाने के लिए काम किया। कांग्रेस दफ्तर में उनके नाम पर बड़ी लाइब्रेरी का नाम रखा है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा, भवन का नाम इंदिराजी के नाम पर है। सभी की अपनी-अपनी सोच हो सकती है। सोनियाजी ने ही मनमोहन सिंहजी को देश का प्रधानमंत्री बनाया था। कांग्रेस दफ्तर में उनके नाम पर लाइब्रेरी का नाम मनमोहन सिंह लाइब्रेरी रखा गया है। ये सभी छोटी बातें हैं। हम सभी मनमोहन सिंह जी कासमर्थन करते हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लाइब्रेरी कानाम मनमोहन सिंहजी के नाम पर रखा जाएगा।
कांग्रेस के नए भवन की इस इमारत का शिलान्यास वर्ष 2009 में हुआ था। उस समय केंद्र में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी और कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं। इस नये भवन में कांग्रेस के विभिन्न फ्रंटल संगठन, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के भी दफ्तर स्थानांतरित किए जाएंगे। अब 26 अकबर रोड पर बने कांग्रेस सेवा दल के दफ्तर और 5 रायसीना रोड पर बने एनएसयूआई के दफ्तर को भी इसी नए इंदिरा भवन में ही स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
24 अकबर रोड, पर कांग्रेस पार्टी का मुख्लायल 1978 में उस वक्त स्थानांतरित हुआ था जिस समय पार्टी अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पार्टी लोकसभा का चुनाव हार गई थी और पार्टी के बड़े नेता एक-एक करके छोड़कर जा रहे थे। वर्ष 1977 में इमरजेंसी के बाद जब चुनाव हुए, कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर बड़ी टूट हुई। उन्हीं परिस्थितियों में इंदिरा गांधी ने जनवरी 1978 में पार्टी के कार्यालय को यहां शिफ्ट किया। यह दिल्ली के लुटियंस इलाके का टाइप 7 बंगला था, जो आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के सांसद जी वेंकटस्वामी के नाम पर आवंटित था। 24 अकबर रोड को कांग्रेस का मुख्यालय बेशक प्रतिकूल हालात में बनाया गया था, किंतु यह इमारत कांग्रेस पार्टी और इंदिरा गांधी के लिए काफी भाग्यशाली साबित हुई, क्योंकि 1980 के चुनाव में भारी बहुमत से कांग्रेस पार्टी की सत्ता में फिर वापसी हुई। यह मुख्यालय देश के चार प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के अलावा सात पार्टी अध्यक्षों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हाराव, सीताराम केसरी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यकाल का गवाह रह चुका है।