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Delhi की इन सीटों पर गेमचेंजर साबित होंगे Muslim Voter! किसके पाले में जाएंगे?

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख तय हो चुकी है। मुस्लिम वर्ग दिल्ली की कुछ सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं मुस्लिम मतदाता किन सीटों पर गेमचेंजर साबित होते हैं। 

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Pratiksha Parashar
Delhi election
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख तय हो चुकी है। 5 फरवरी को वोटिंग होगी, वहीं 8 फरवरी को नतीजे सामने आएंगे, जिसके बाद तय हो जाएगा कि दिल्ली का अगला सरताज कौन होगा। दिल्ली के चुनावी रण में आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। तीनों ही राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंक रहे हैं और जीत का दावा कर रहे हैं। जीत के लिए सभी पार्टियां सियासी दांव चल रही हैं। रोजाना नई-नई योजनाओं की घोषणा की जा रही है। अलग-अलग पार्टी, अलग-अलग वर्ग के वोटरों को साधने की कोशिश कर रही हैं। 

6 सीटों पर गेमचेंजर साबित होंगे मुस्लिम वोटर

दिल्ली में तकरीबन 21.6 लाख मुसलमान वोटर हैं। मुख्य तौर पर दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 6 सीटों पर मुस्लिम समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं और गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। सीलमपुर में लगभग 50% मुस्लिम मतदाता हैं। टिया महल में 48 प्रतिशत, ओखला में 43%, बल्लीमारान में 38%, मुस्तफ़ाबाद में 36% और बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में 35% मुस्लिम मतदाता हैं। आपको बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इन सीटों के अलावा सीमापुरी, चांदनी चौक, गांधी नगर, विकासपुरी, करवाल नगर, और सदर बाजार भी मुस्लिम बहुल इलाके हैं। 

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किसके साथ जाएगा मुस्लिम मतदाता?

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश करती हुई नजर आ रही हैं। यूं तो मुस्लिम पारंपरिक रूप से कांग्रेस के पक्ष में वोट करते आए हैं, लेकिन दिल्ली की सत्ता में आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद से ये समीकरण बदल गए हैं और ये वोट बैंक बंट गया है। इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी दिल्ली में चुनाव लड़ रही है, ऐसे में आप और कांग्रेस के वोट में सेंध लगेगी। अब देखना होगा कि 2025 विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर किसके पक्ष में जाता है। 

शिफ्ट होगा वोटर?

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दिल्ली का मतदाता धार्मिक मुद्दों से हटकर, विकास के मुद्दे पर वोट करता है। मुस्लिम बहुल इलाकों में सड़क का निर्माण, ट्रैफिक जाम, पानी की निकासी, गंदगी, पेयजल, रोजगार, अपराध, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसी कई समस्याएं हैं। ऐसे में मुद्दों के आधार पर विशेष वर्ग की पसंद शिफ्ट हो सकती है और चुनावी नतीजे बदल सकते हैं। 

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दिल्ली चुनाव 2025
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