नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
तकनीक और प्रौद्योगिकी के दौर में साइबर फ्राड की घटनाएं देश के लिए बड़ी चुनौती बन रही हैं। मेट्रो शहरों के अलावा देश के छोटे-छोटे शहरों में भी लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। रिजर्व बैंक आफ इंडिया के आंकड़ों के साइबर फ्रॉड से वर्ष 2025 तक लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। बढ़ते साइबर और बैंक फ्रॉड की चर्चा सोमवार को राज्यसभा में की गई। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने कहा कि नाम के दुरुपयोग से ही 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर बैंकिंग और फाइनेंस है।
उन्होंने सदन को बताया कि यहां करीब 8,200 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। भारत में हर साल लाखों लोग डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करते हैं। लेकिन, सुरक्षा उपायों की कमी के कारण उनकी मेहनत की कमाई कुछ सेकंड में लुट जाती है। ऐसे ही मामले का उदाहरण देते हुए बताया कि एक व्यक्ति वर्षों से अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे जोड़ रहा था। शादी से ठीक पहले एक साइबर अपराधी ने व्यक्ति के सारे पैसे बैंक से निकाल लिए। पीड़ित व्यक्ति की हालत यह हो गई कि उसे आत्महत्या करनी पड़ी। इस तरीके की बहुत सारी चीजें देखने को मिल रही हैं।
बुजुर्गों की पेंशन खातों से गायब
संजय सेठ ने बताया कि कई बुजुर्गों की पेंशन उनके खाते से गायब हो जाती है। छोटे-छोटे व्यापारियों की पूंजी खत्म हो जाती है। जहां हम देश के अंदर डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं हमारे नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उतनी ही प्राथमिकता पर होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि बैंकों की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अनिवार्य तकनीकी अपग्रेडेशन किया जाए। छोटे और ग्रामीण बैंकों को भी अत्याधुनिक तकनीक और सिक्योरिटी सिस्टम से जोड़ा जाए। साइबर अपराधों की जांच के लिए विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाए ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिले। इसके साथ ही राज्यसभा में मांग की गई कि साइबर अपराध के पीड़ितों के लिए एक कंपनसेशन फंड बनाया जाया जाए, जिससे निर्दोष पीड़ितों की खोई हुई राशि वापस मिल सके और उनको मदद मिल सके। संजय सेठ ने सरकार से मांग की कि साइबर बैंकिंग फ्रॉड के मामलों पर तत्काल ध्यान दिया जाए। कठोर एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि हर नागरिक की मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके।
साइबर से बचने के लिए क्या करें
- वेबसाइट खोलने से पहले सुनिश्चित करें कि यह “https” से शुरू हो रही है।
- पासवर्ड मजबूत और यूनिक बनाएं और नियमित रूप से बदलें।
- अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए एक अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
- बैंकिंग, ईमेल और सोशल मीडिया के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें।
- केवल आधिकारिक और प्रमाणित वेबसाइट से सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करें।
- सोशल मीडिया पर केवल भरोसेमंद लोगों को ही फ्रेंड लिस्ट में जोड़ें।
- फ्री वाई-फाई का उपयोग करते समय संवेदनशील जानकारी न डालें।
- अपने मोबाइल और कंप्यूटर में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें।
- अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट रखें।
- नियमित रूप से अपने बैंक खातों और ऑनलाइन लेनदेन की निगरानी करें।
- मोबाइल और कंप्यूटर को समय-समय पर अपडेट करें।
- सोशल मीडिया पर कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
- स्पैम और फिशिंग ईमेल को तुरंत डिलीट करें।
- संदेहास्पद कॉल्स और संदेशों से सतर्क रहें।
- ऑनलाइन खरीदारी के लिए विश्वसनीय वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।
- बच्चों को इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग सिखाएं।
- संवेदनशील दस्तावेज़ों की डिजिटल प्रतिलिपि को पासवर्ड से सुरक्षित रखें।
- अपने ईमेल और अन्य खातों के लिए लॉगआउट करना न भूलें।
- सार्वजनिक कंप्यूटर पर पासवर्ड सेव न करें।
- ऑनलाइन गेम्स में भी अपनी जानकारी सुरक्षित रखें।
बचने के लिए क्या न करें
- सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
- अज्ञात लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से बचें।
- संदिग्ध वेबसाइट पर कोई भी जानकारी दर्ज न करें।
- ऑनलाइन किसी अजनबी से पैसा या गिफ्ट स्वीकार न करें।
- अपनी बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें।
- बिना जांचे किसी अजनबी को सोशल मीडिया पर न जोड़ें।
- ऑनलाइन फॉर्म भरते समय अतिरिक्त जानकारी न दें।
- किसी अनजान कॉलर को ओटीपी या पिन न बताएं।
- नकली ऑफर्स और गिफ्ट स्कीम के झांसे में न आएं।
- अपनी निजी जानकारी को असुरक्षित नेटवर्क पर साझा न करें।
- गैर-भरोसेमंद वेबसाइट पर क्रेडिट कार्ड का उपयोग न करें।
- अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक न रखें।
- अपनी पर्सनल तस्वीरें और वीडियो अनावश्यक रूप से अपलोड न करें।
- मोबाइल ऐप्स इंस्टॉल करने से पहले उनकी अनुमति जांचें।
- संवेदनशील ईमेल को अनावश्यक रूप से फॉरवर्ड न करें।
- साइबर अपराध के डर से रिपोर्ट करने में देरी न करें।
- हर वेबसाइट पर एक ही पासवर्ड का उपयोग न करें।
- किसी अनजान व्यक्ति को अपने डिवाइस का एक्सेस न दें।
- फ्री वाई-फाई पर बैंकिंग या अन्य लेनदेन न करें।
- इंटरनेट पर बिना जांचे किसी भी जानकारी पर विश्वास न करें।