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World Red Cross Day: विश्व रेड क्रॉस दिवस हर साल 8 मई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह दिन मानवता, करुणा और सेवा की भावना को समर्पित है। रेड क्रॉस एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो आपदा, युद्ध, महामारी या किसी भी प्रकार की संकट की स्थिति में पीड़ितों की मदद करती है।
यह दिन अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट आंदोलन के सिद्धांतों, मानवीय कार्यों और स्वयंसेवकों के समर्पण को सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन रेड क्रॉस के संस्थापक हेनरी ड्यूनांट की जयंती (8 मई, 1828) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें 1901 में पहला नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। आइए, विश्व रेड क्रॉस दिवस 2025 की थीम, इतिहास, महत्व और मुख्य तथ्यों पर विस्तार से जानें।
विश्व रेड क्रॉस थीम 2025
विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट दिवस 2025 की थीम है ‘मानवता को जीवित रखना’ (Keeping Humanity Alive)। यह थीम उन स्वयंसेवकों और कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देती है जो युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं और महामारियों जैसे संकटों में मानव जीवन और गरिमा की रक्षा के लिए समर्पित हैं। यह थीम मानवता, करुणा और एकजुटता के महत्व पर जोर देती है, विशेष रूप से उन परिस्थितियों में जहां मानवीय मूल्य खतरे में होते हैं।
रेड क्रास दिवस का इतिहास
विश्व रेड क्रॉस दिवस की शुरुआत 1948 में हुई, जब इसे औपचारिक रूप से पहली बार मनाया गया। इसका विचार प्रथम विश्व युद्ध के बाद सामने आया, जब 1919 में रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट सोसाइटी की अंतरराष्ट्रीय समितियों का गठन हुआ। 1934 में टोक्यो में आयोजित 15वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे 1946 में स्वीकार किया गया। 1984 में इसका नाम आधिकारिक तौर पर विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट दिवस रखा गया।
रेड क्रॉस की स्थापना 1863 में हेनरी ड्यूनांट ने की थी, जिन्होंने 1859 में इटली के सॉल्फेरिनो युद्ध में घायल सैनिकों की दयनीय स्थिति देखी। उनकी पुस्तक ‘ए मेमोरी ऑफ सॉल्फेरिनो’ में एक तटस्थ मानवीय संगठन की स्थापना का सुझाव दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति (ICRC) का गठन हुआ। 1864 में पहले जिनेवा कन्वेंशन ने सशस्त्र संघर्षों में घायल सैनिकों और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचा स्थापित किया।
रेड क्रॉस दिवस का महत्व
विश्व रेड क्रॉस दिवस का महत्व इसके मानवीय कार्यों और सिद्धांतों—मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता—को बढ़ावा देने में निहित है। यह दिन लोगों को करुणा और एकजुटता का संदेश देता है, विशेष रूप से संकटकाल में। यह स्वयंसेवकों के योगदान को उजागर करता है, जो प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों और महामारियों में जीवन रक्षा के लिए कार्य करते हैं। भारत में, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (IRCS),जो 1920 में स्थापित हुई, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और सामाजिक कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यह दिन स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में जागरूकता कार्यक्रमों, रक्तदान शिविरों और स्वयंसेवक प्रशिक्षण के माध्यम से मानवता की सेवा के प्रति लोगों को प्रेरित करता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर #WorldRedCrossDay2025 जैसे हैशटैग के साथ इसका संदेश व्यापक रूप से फैलाया जाता है।
मुख्य तथ्य
स्थापना: रेड क्रॉस की स्थापना 1863 में हेनरी ड्यूनांट द्वारा की गई। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।
नोबेल पुरस्कार: रेड क्रॉस को 1917, 1944 और 1963 में मानवीय कार्यों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
वैश्विक उपस्थिति: यह 191 से अधिक देशों में कार्यरत है और दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है।
प्रतीक: सफेद पृष्ठभूमि पर लाल क्रॉस इसका प्रतीक है, जबकि मुस्लिम देशों में रेड क्रेसेंट का उपयोग होता है।
भारत में रेड क्रॉस: इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 1920 में हुई, जो रक्तदान, आपदा राहत और स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रिय है।
ब्लड बैंक: विश्व का पहला ब्लड बैंक 1937 में रेड क्रॉस की पहल पर अमेरिका में खुला।
आपदा प्रबंधन: कोविड-19, बाढ़, भूकंप और युद्धों में रेड क्रॉस ने ऑक्सीजन, दवाएं और राहत सामग्री प्रदान की।
स्वयंसेवक: लाखों स्वयंसेवक विश्व भर में इसके मिशन को आगे बढ़ाते हैं।
जिनेवा कन्वेंशन: 1864 का पहला जिनेवा कन्वेंशन रेड क्रॉस की नींव का हिस्सा था।
उद्देश्य: मानव पीड़ा को कम करना, शांति और कल्याण को बढ़ावा देना।
विश्व रेड क्रॉस दिवस 2025 मानवता के प्रति समर्पण और सेवा की भावना को जीवंत करता है। थीम ‘मानवता को जीवित रखना’ हमें याद दिलाती है कि छोटे-छोटे दयालु कार्य भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। रेड क्रॉस का इतिहास और कार्य हमें प्रेरित करते हैं कि हम भी अपने समुदाय में स्वयंसेवक बनकर योगदान दे सकते हैं। यह दिन न केवल रेड क्रॉस के योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को मानवता के लिए कार्य करने का आह्वान भी करता है।