नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क |
दुनिया में पिछले कुछ वर्षों में बर्फ पिघलने की घटना तेजी से बड़ रही है | ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है | ग्लेशियर की बर्फ पिघलने से समुद्री पानी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है |
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बाड़, सूनामी और चक्रवात का खतरा
एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में ग्लेशियर की बर्फ पिघलने से इस सदी में समुद्र का स्तर लगभग 2 सेंटीमीटर बढ़ गया है। पिछले 25 सालों से ग्लेशियर हर साल 273 बिलियन टन बर्फ खो रहे हैं - जो कि पृथ्वी की पूरी आबादी द्वारा 30 साल की अवधि में खपत किए जाने वाले पानी के बराबर है। यह एक चौका देने वाले आकडे हैं, जिससे बाड़, सूनामी और चक्रवात का खतरा हमेशा समुद्री तट पर रह रहे लोगों पर मंडराता रहता है |
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अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार
अमेरिकी एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, 1880 से लेकर अब तक वैश्विक समुद्र स्तर में लगभग 21 सेमी की वृद्धि हुई है| हालाँकि, हाल के वर्षों में, इन आकड़ों में तेजी से वृद्धि हुई है। यह 1993 में 0.18 सेमी प्रति वर्ष से बढ़कर वर्तमान दर 0.42 सेमी प्रति वर्ष हो गई है। अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, 1993 से 2024 के बीच वैश्विक समुद्र स्तर में 10 सेमी से अधिक की वृद्धि हुई है, जो कहता है कि वृद्धि की हालिया दर पिछले 2,500 से अधिक वर्षों में अभूतपूर्व है।
पशु पक्षी भी प्रभावित
यह एक चिंता का विषय है, जिससे न केवल इंसान बल्कि दूसरे जीव, पशु पक्षी भी प्रभावित हो रहे हैं | दुनिया के अलग अलग शहर जो समुद्र के किनारे बसे हैं, वहाँ पर रह रहे लाखों लोगों पर प्रकार्तिक आपदा आने का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है | इनमें मुंबई, टोक्यो, न्यूयॉर्क, शंगाई, लॉस एंजल्स, लेगॉस, कलकत्ता, सन फ्रान्सिस्को जैसे बड़े शहर भी शामिल हैं|
डाइनसॉर के पृथ्वी से विलुप्त होना
दुनिया में करोड़ों साल पहले डाइनसॉर के पृथ्वी से विलुप्त होने का कारण एक एस्ट्रोइड को बताया जाता है, अगर हमने जल्द ही कुछ नहीं किया तो हमारे विनाश का कारण हम खुद ही होंगे |