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India Russia Oil Deal किसी की धमकियों से नहीं डरता भारत, रूस से कच्चे तेल की खरीदारी का सितंबर-अक्टूबर के लिए ऑर्डर जारी

देश की प्रमुख रिफाइनरी आईओसी और बीपीसीएल ने सितंबर और अक्टूबर माह के लिए रूस को कच्चे तेल का नया ऑर्डर भेज दिया है। इससे साफ हो गया है कि भारत किसी भी तरह की धमकी के दबाव में नहीं है।

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के बयान के अगले ही दिन देश की प्रमुख रिफाइनरी आईओसी और बीपीसीएल ने सितंबर और अक्टूबर माह के लिए रूस को कच्चे तेल का नया ऑर्डर भेज दिया है। इससे साफ हो गया है कि भारत किसी भी तरह की धमकी के दबाव में नहीं है और कच्चे तेल की खरीद जारी रखे हुए है। भारत, इस समय अपनी जरूरत का 42 प्रतिशत से अधिक तेल रूस से ले रहा है। रूसी फ्लैगशिप यूराल्स ने क्रूड पर छूट बढ़ाकर लगभग तीन डॉलर प्रति बैरल कर दी है। इससे भारत को और सस्ता तेल मिलेगा।

 तेल खरीदने पर भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ की धमकी

भारत का यह फैसला ऐसे वक्त आया है, जबकि ट्रंप ने घोषणा कर रखी है कि भारत पर 27 अगस्त से 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। 25 फीसदी टैरिफ पहले से लागू है। यानी भारत पर कुल मिलाकर 50 फीसदी का टैरिफ हो जाएगा। क्या भारत को अतिरिक्त टैरिफ से राहत मिलेगी? अमेरिका से कोई औपचारिक जानकारी सामने नहीं आई है। इसका मतलब है कि 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया जाएगा। 

रूसी फ्लैगशिप यूराल्स क्रूड पर छूट बढ़ी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ही रिफाइनरी आईओसी और बीपीसीएल के सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि की है। इन कंपनियों ने जुलाई महीने में तेल की खरीद रोक दी थी, क्योंकि तब उसे उतना अधिक डिस्काउंट नहीं मिल रहा था।अब जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार रूसी फ्लैगशिप यूराल्स क्रूड पर छूट बढ़कर लगभग तीन डॉलर प्रति बैरल हो गई है। इसलिए भारतीय रिफाइनरियों के लिए यह आकर्षक हो गया है। यूराल्स के अलावा आईओसी ने रूसी वरंडे और साइबेरियन लाइट सहित अन्य रूसी कच्चे तेल ग्रेड भी खरीदे हैं। आईओसी के अधिकारियों ने अनौपचारिक बातचीत में सोमवार को भी बताया था कि वह आर्थिक स्थिति के आधार पर रूसी तेल खरीदना जारी रखेगी।

रूसी दूतावास के प्रभारी का बयान

भारत में रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने भी भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रूस तेल का बड़ा प्रोड्यूसर है और भारत पूरी दुनिया में इसका बड़ा खरीददार है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई से सप्लाई चेन प्रभावित होता है, इससे मूल्य निर्धारण नीतियों में भी असंतुलन पैदा हो जाता है। बाबुश्किल ने कहा कि किसी भी विकासशील देशों की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में न पड़े, इसके लिए जरूरी है कि सप्लाई चेन प्रभावित न हो, और पश्चिमी देशों का जो रवैया है, उससे पता चलता है कि वह इसे बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं।

अमेरिकी मंत्री ने कारोबारियों को मुनाफा पहुंचाने का आरोप लगाया था

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उल्लेखनीय है कि  एक अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने रूस से तेल की खरीद को लेकर बयान दिया था, जिसमें कहा गया कि रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का  बचाव करते हुए उन्होंने आरोप लगाय़ा है कि रूस से तेल खरीद कर "भारत अरबों डॉलर का मुनाफा कमा रहा है, जिसका लाभ उसके सबसे अमीर परिवारों को मिल रहा है।"उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

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