नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। ऑपरेशन साइबर शक्ति एक साइबर अभियान है, जिसे भारतीय हैकरों के एक समूह द्वारा पाकिस्तान की सरकारी वेबसाइटों और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर साइबर हमलों के रूप में अंजाम दिया गया है। यह अभियान भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के समान है , जिसका आधिकारिक नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने भारत पर साइबरअटैक किया था। इसके जवाब में भारतीय हैकर्स ने ये कार्रवाई की है
ऑपरेशन साइबरशक्ति: एक डिजिटल प्रतिघात
भारतीय हैकरों के इस समूह ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तान की कई सरकारी वेबसाइटों और डिजिटल प्रणालियों को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। उनका उद्देश्य पाकिस्तान की साइबर क्षमताओं को कमजोर करना और डिजिटल मोर्चे पर दबाव बनाना है।
इस अभियान के तहत, हैकरों ने पाकिस्तान की सरकारी वेबसाइटों को निशाना बनाया है, जिससे उनकी सेवाओं में बाधा उत्पन्न हुई है। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि साइबर युद्ध अब आधुनिक संघर्षों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
भारत की साइबर सुरक्षा: एक आवश्यक कदम
भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। हाल ही में, पश्चिम बंगाल पुलिस ने 'ऑपरेशन साइबर शक्ति' के तहत 46 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया, जो वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराधों में लिप्त थे।
इसके अलावा, 2025 के बजट में भी साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और उभरते खतरों से निपटने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
'ऑपरेशन साइबरशक्ति' भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष का एक नया आयाम है, जो यह दर्शाता है कि भविष्य के युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि साइबर स्पेस में भी लड़े जाएंगे। भारत को अपनी साइबर सुरक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि वह ऐसे खतरों का प्रभावी ढंग से सामना कर सके।