Advertisment

Weather Updates: उत्तर भारत में सर्दी का आगमन, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से फूल रही हैं सांसे

वायु प्रदूषण से औसतन हर भारतीय की उम्र लगभग साढ़े तीन साल तक कम हो रही है। इसका कारण पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषक तत्वों की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तय मानकों से ज्यादा होना माना जा रहा है।

author-image
Mukesh Pandit
Polluted Delhi

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से फूल रही हैं सांसे ।एक्स ग्रैब

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली-एनसीआर में सर्दी ने अब पूरी तरह से दस्तक दे दी है, लेकिन वायु प्रदूषण की समस्या से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। दिल्ली के आसमान में धुंध और कोहरे की परत छाई हुई है। संडे को राष्ट्रीय राजधानी एक बार फिर बिगड़ती वायु गुणवत्ता से जूझ रही है। इंडिया गेट और कर्तव्य पथ से सुबह के दृश्य शहर को धुंध की हल्की परत में लिपटा हुआ दिखाद दिया। जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी 'बेहद खराब' श्रेणी में बना हुआ है।

प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल के मुताबिक तड़के सुबह AQI 551 रिकॉर्ड किया गया, जो अभी भी हैजडर्स श्रेणी में है। इसकी बड़ी वजह हवा में PM2.5 और PM10 कणों में जहरीले कण मिलने से है। हवा की रफ़्तार बेहद धीमी है, जिसकी वजह से स्थिति और बिगड़ रही है।

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण से औसतन हर भारतीय की उम्र लगभग साढ़े तीन साल तक कम हो रही है। इसका कारण पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषक तत्वों की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तय मानकों से ज्यादा होना माना जा रहा है। 

नोएडा में हवा की गुणवत्ता भी खराब

प्रदूषण की वजह से ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले शहरों में रह रहे लोगों की ही उम्र नहीं घट रही, बल्कि उन लोगों के जीवन पर भी ये प्रदूषण भारी है, जो अपेक्षाकृत स्वच्छ हवा वाले शहरों में रहते हैं। उधर, मौसम विभाग के अनुसार, सर्दी बढ़ते ही लगातार नोएडा में हवा की गुणवत्ता भी खराब होने लगी है। शनिवार को देश का सवसे प्रदूषित शहरों में ग्रेनो पहला और दूसरा नोएडा रहा। यहां ग्रेनो में एक्यूआई 418 और नोएडा का एक्यूआई 397 जो गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया।

Advertisment

सांस लेने में भी हो रही दिक्कत

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, वायु की गुणवत्ता इतनी खराब रही कि सांस लेने में भी लोगों को परेशानी हुई और आंखों में जलन, गले में खराश तक होने लगी। नोएडा और गाजियाबाद में सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिनमें स्कूल बंद करना और निर्माण गतिविधियों पर रोक शामिल है, लेकिन बावजूद इसके प्रदूषण स्तर में सुधार नहीं आ पा रहा है।

कहां कितना है एक्यूआई?

नोएडा सेक्टर-125 में एक्यूआई 421, सेक्टर - 62 में एक्यूआई 348, सेक्टर 1 का एक्यूआई 395 और सेक्टर 116 का एक्यूआई 423 रहा। सेक्टर 125 की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई रहा।

ग्रेप का भी नहीं पड़ रहा कोई प्रभाव

नॉलेज पार्क थर्ड का एक्यूआई 405 और नॉलेज पार्क फाइव का एक्यूआई 439 रहा। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का तीसरा चरण चल रहा है। इसके बावजूद यहां न तो आम दिनों की तरह सड़क पर खुले आम निर्माण सामग्री पड़ी रहती है। केवल यही नहीं निर्माण का इससे अब विभिन्न साइटों पर निर्माण कार्य भी धड़ल्ले से चल रहे हैं। बीएस तीन व चार मानक के ईंधन संचालित वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित होने के बावजूद भी चल रहे हैं। शनिवार को जगह-जगह ग्रेप के नियमों की धज्जियां उड़ती दिखी।

Advertisment

डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन से 8 गुना ज्यादा मात्रा

उधर, शिकागो विश्वविद्यालय के द एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की 2025 की एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (एक्यूएलआई) रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पीएम2.5 की मात्रा 2022 की तुलना में 2023 में ज्यादा रही है। ये मात्रा डब्ल्यूएचओ की तय गाइडलाइन से आठ गुना अधिक पाई गई है। : Delhi Pollution | Delhi Pollution Latest | delhi pollution news | delhi pollution today | Delhi weather update | delhi weather news 

Delhi Pollution Delhi Pollution Latest delhi pollution news delhi pollution today Delhi weather update delhi weather news
Advertisment
Advertisment