भुवनेश्वर, आईएएनएस।
मामले के तूल पकड़ने के बाद ओडिशा की भाजपा सरकार ने राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के छात्रावास परिसर में एक नेपाली छात्र की मौत और संस्थान द्वारा की गई कार्रवाई की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया है। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि केआईआईटी विश्वविद्यालय से संबंधित हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया है और सुरक्षा गार्डों की गिरफ्तारी तथा दोषी अधिकारियों को निलंबित करने के लिए कदम उठाए हैं। संस्था को नोटिस जारी कर दिया गया है तथा समिति के निष्कर्षों के आधार पर उचित कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
एकजुटता दिखाने के लिए निकाला कैंडल मार्च
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, समिति की अध्यक्षता गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) करेंगे, जिसमें महिला एवं बाल विकास और उच्च शिक्षा विभाग के सदस्य शामिल होंगे। समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह सत्यव्रत साहू, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास सुभा शर्मा और सचिव उच्च शिक्षा अरविंद अग्रवाल शामिल हैं। उधर, भुवनेश्वर में KIIT विश्वविद्यालय के छात्रों ने नेपाली छात्रा के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कैंडल मार्च निकाला, जिसने विश्वविद्यालय के तीसरे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र द्वारा कथित रूप से परेशान किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
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छात्रों के साथ दुर्व्यवहार की रिपोर्टों की होगी जांच
इसके अलावा, सरकार ने कहा कि निजी व्यक्तियों द्वारा छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग सहित दुर्व्यवहार की रिपोर्टों की जांच की जा रही है, और जिम्मेदार लोगों को कानून के अनुसार जवाबदेह ठहराया जाएगा। राज्य सरकार हर छात्र की सुरक्षा, सम्मान और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी कि न्याय शीघ्र और निष्पक्ष रूप से मिले।
नेपाली छात्रा का शव मिलने के बाद तनाव
केआईआईटी के हॉस्टल में एक नेपाली छात्रा का शव मिलने से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मृतक छात्रा की पहचान 20 वर्षीय प्रकृति लामसाल के रूप में हुई है, जो बी-टेक थर्ड ईयर की छात्रा थी। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रा ने आत्महत्या की है, हालांकि इस बारे में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वहीं, कॉलेज के अन्य अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी अपनी कड़ी प्रतिप्रक्रिया व्यक्त की।