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Putin Visit: अमेरिकी संबंधों में आई खटास के बीच पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा के मायने, पूरी दुनिया की निगाहें

पुतिन की इस यात्रा का व्यापक उद्देश्य खासकर ऐसे समय में भारत-रूस सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है, जब भारत के अमेरिका के साथ संबंधों में तीव्र गिरावट आई है।

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Mukesh Pandit
Modi Putin

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की दो दिवसीय यात्रा पर बृहस्पतिवार यानि आज को नई दिल्ली पहुंचेंगे, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। पुतिन की इस यात्रा का व्यापक उद्देश्य खासकर ऐसे समय में भारत-रूस सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है, जब भारत के अमेरिका के साथ संबंधों में तीव्र गिरावट आई है। पुतिन की इस यात्रा पर पूरी दुनिया टकटकी लगाए देख रही है। उनकी यात्रा को लेकर सुरक्षा के बेहद कड़े और मजबूत सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।उनके आगमन को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है। कई शहरों में स्वागत मार्च भी निकाले गए हैं। वाराणसी में आरती की गई।

शाम साढ़े चार बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे 

रूसी राष्ट्रपति के बृहस्पतिवार शाम लगभग साढ़े चार बजे नयी दिल्ली पहुंचने की संभावना है। इसके कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री मोदी उनके लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। पिछले वर्ष जुलाई में पुतिन ने रूस की यात्रा पर गए मोदी का इसी प्रकार आतिथ्य सत्कार किया था। पुतिन की यात्रा की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि पुतिन का शुक्रवार को औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता होगी। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री मोदी हैदराबाद हाउस में पुतिन और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए दोपहर भोज की भी मेजबानी करेंगे तथा पुतिन सुबह राजघाट भी जाएंगे।

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पुतिन रूस के सरकारी प्रसारक भारत चैनल की शुरुआत करेंगे

शिखर वार्ता के बाद पुतिन रूस के सरकारी प्रसारक के भारत चैनल की शुरुआत करेंगे, जिसके पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में राजकीय भोज की मेजबानी करेंगी। लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद पुतिन शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे भारत से प्रस्थान करेंगे। शिखर वार्ता में भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की बड़ी मात्रा में खरीद के कारण बढ़ते व्यापार घाटे का मुद्दा उठाए जाने की संभावना है। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाए जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों में संभवत: अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। इस शुल्क में रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण लगाया गया 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है। 

कच्चे तेल की खरीद पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा

शिखर बैठक में अमेरिकी प्रतिबंधों के भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा होने की संभावना है। रूस के राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद में ‘‘कुछ समय के लिए गिरावट आ सकती है, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि मॉस्को आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है। शिखर सम्मेलन में पुतिन द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने के लिए अमेरिका के प्रयासों से अवगत कराए जाने की भी संभावना है। भारत लगातार कहता रहा है कि युद्ध खत्म करने का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से होकर गुजरता है। 

दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर

मोदी और पुतिन की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इनमें भारतीय श्रमिकों के रूस में आवागमन को सुगम बनाने संबंधी एक समझौता और रक्षा सहयोग के व्यापक ढांचे के तहत साजो-सामान संबंधी सहयोग पर एक अन्य समझौता शामिल है। ऐसा बताया जा रहा है कि फार्मा, कृषि, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों में रूस को भारतीय निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब नयी दिल्ली रूस के पक्ष में बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर चिंतित है। भारत द्वारा रूस से प्रतिवर्ष लगभग 65 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामान एवं सेवाएं खरीदी जाती हैं, जबकि रूस का भारत से आयात लगभग पांच अरब अमेरिकी डॉलर है। अधिकारियों ने बताया कि भारत उर्वरक क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। 

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30 से 40 लाख टन उर्वरक आपूर्ति करता है रूस

रूस हर साल भारत को 30 से 40 लाख टन उर्वरक आपूर्ति करता है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष व्यापार, शिक्षा, कृषि और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। भारतीय और रूसी पक्ष नयी दिल्ली द्वारा प्रस्तावित यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी चर्चा कर सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि लक्ष्य इस एफटीए को जल्द से जल्द अंतिम रूप देना होगा। शिखर बैठक से पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्री बृहस्पतिवार को व्यापक वार्ता करेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के बीच बृहस्पतिवार को होने वाली वार्ता में एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद, सुखोई 30 लड़ाकू विमानों के उन्नयन और रूस से अन्य महत्वपूर्ण सैन्य साजो सामान खरीदने में भारत की रुचि एजेंडे में रहेगी। शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने बताया कि समग्र ध्यान दोनों देशों के बीच पहले से ही घनिष्ठ रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने पर होगा, जिसमें रूस से भारत को सैन्य साजो सामान की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 

एस-400 मिसाइल प्रणालियों की अतिरिक्त खेप खरीदने पर विचार

ऐसा माना जा रहा है कि भारत रूस से सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणालियों की अतिरिक्त खेप खरीदने पर विचार कर रहा है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ये हथियार बेहद कारगर साबित हुए थे। अक्टूबर 2018 में, भारत ने रूस के साथ एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अनुबंध पर आगे बढ़ने से ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के प्रावधानों के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं। पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि रूस द्वारा भारत को एसयू-57 लड़ाकू विमान की आपूर्ति की संभावना पर चर्चा हो सकती है।

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 भारत और रूस संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा के लिए भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच प्रतिवर्ष एक शिखर बैठक होती है। अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 22 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं। रूस के राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नयी दिल्ली का दौरा किया था। पिछले साल जुलाई में, प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को गए थे।  Modi Putin Xi | PM Modi Putin Call | Vladimir Putin India Visit 

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