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सांकेतिक तस्वीर Photograph: (File)
QS subject ranking: रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 50 में नौ भारतीय विश्वविद्यालय और संस्थान शामिल हैं जबकि सूची में शामिल कुछ शीर्ष संस्थानों जैसे तीन आईआईटी, दो आईआईएम और जेएनयू के स्थान में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आई है। लंदन स्थित क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) द्वारा घोषित विषयवार विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग के 15वें संस्करण के अनुसार, भारत ने विषयवार रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में शीर्ष 50 में 12 स्थान हासिल किए हैं।
आईएसएम, धनबाद अग्रणी
इस मामले में भारतीय खनन विद्यालय (आईएसएम), धनबाद अग्रणी रहा है जो इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए विश्व स्तर पर 20वें स्थान पर है। क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) एक उच्च शिक्षा विश्लेषक और सेवा प्रदाता है। यह दुनियाभर के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी करता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई और खड़गपुर को इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए 28वें एवं 45वें स्थान पर रखा गया है। हालांकि, दोनों संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट देखी गई है।
आईआईटी दिल्ली और मुंबई 45 वें स्थान पर
आईआईटी दिल्ली और मुंबई, जो इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विषय के लिए 45वें स्थान पर थे, ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए क्रमशः 26वां और 28वां स्थान प्राप्त किया है। दोनों संस्थानों ने इंजीनियरिंग-इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक में भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और शीर्ष 50 की सूची में प्रवेश किया है। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद और बेंगलुरु व्यवसाय और प्रबंधन अध्ययन विषय के लिए दुनिया के शीर्ष 50 में बने हुए हैं, लेकिन उनकी रैंकिंग में पिछले वर्ष के मुकाबले गिरावट आई है।
आईआईएम अहमदाबाद की रैंकिंग गिरी
आईआईएम अहमदाबाद की रैंकिंग 22 से गिरकर 27 पर आ गई जबकि आईआईएम बेंगलुरु की रैंकिंग 32 से गिरकर 40 पर आ गई। आईआईटी मद्रास (पेट्रोलियम इंजीनियरिंग) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) (विकास अध्ययन) विश्व के शीर्ष 50 में बने रहे, लेकिन उनकी रैंकिंग में कुछ गिरावट भी आई। क्यूएस विषय-विशिष्ट रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में, भारत में नयी प्रविष्टियों की संख्या चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और कोरिया के बाद पांचवें स्थान पर है तथा कुल प्रविष्टियों की संख्या के मामले में 12वें स्थान पर है।
AI, हरित और डिजिटल कौशल में भारत अग्रणी
शीर्ष 100 में भारत के नए प्रवेशकों में डाटा विज्ञान और कृत्रिम मेधा (एआई) के लिए आईआईटी मद्रास और वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी तथा इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए आईआईएससी बेंगलुरु और आईआईटी कानपुर शामिल हैं। क्यूएस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेसिका टर्नर ने कहा कि भारत ने एआई, हरित और डिजिटल कौशल जैसे क्षेत्रों में असाधारण प्रतिभा दिखाई है, लेकिन स्थिरता और उद्यमशीलता क्षमताओं में महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है।
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग
विषयवार 2025 ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ में 79 भारतीय विश्वविद्यालयों से 533 प्रविष्टियां शामिल थीं जबकि पिछले वर्ष 424 प्रविष्टियां थीं। इनमें से 156 प्रविष्टियों में सुधार हुआ, 101 में गिरावट आई और 154 स्थिर रहीं जबकि 122 नयी प्रविष्टियां इस संस्करण में पहली बार शामिल हुईं। कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रणाली विषय भारत का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला विषय बना हुआ है। इसमें पिछले वर्ष 28 प्रविष्टियां थीं जो इस वर्ष बढ़कर 42 प्रविष्टियां हो गई हैं।