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"उत्तरकाशी में भारी तबाही, PM मोदी ने CM धामी से जानकारी ली"

उत्तरकाशी में बादल फटने (Uttarkashi cloudburst) से हाहाकार मच गया है। CM धामी से पीएम मोदी ने पूरी जानकारी ली। उधर, सीएम धामी ने बताया कि 130 लोगों को बचाया गया है, लेकिन रेस्क्यू में मुश्किलें आ रही हैं। सेना, ITBP, NDRF, SDRF राहत कार्य में जुटे हैं।

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Ajit Kumar Pandey

"उत्तरकाशी में भारी तबाही, PM मोदी ने CM धामी से जानकारी ली" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने (Uttarkashi cloudburst) के बाद हर तरफ तबाही का मंजर है। अचानक आई इस आपदा (Uttarakhand disaster) ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूरा अपडेट लिया, साथ ही पीएम मोदी ने राहत बचाव कार्य को और तेज करने पर जोर दिया। 

मीडिया को जानकारी देते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि अब तक 130 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन सड़क और पुल टूटने से रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) में बड़ी मुश्किलें आ रही हैं। भारतीय सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

उत्तराखंड (Uttarakhand disaster) के उत्तरकाशी जिले में हुई यह घटना बेहद भयावह है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। देखते ही देखते पहाड़ों से पानी और मलबा (debris) सैलाब बनकर गांवों में घुस आया। कई घर मलबे की चपेट में आ गए, जिससे लोग दहशत में आ गए। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह क्या हो रहा है। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी और लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंची जगहों की ओर भाग रहे थे।

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रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी चुनौतियां

इस मुश्किल घड़ी में प्रशासन और राहत एजेंसियां (rescue agencies) पूरी ताकत से जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि सड़कें और पुल टूट जाने से बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। कई जगहों पर पैदल चलकर ही पहुंचना पड़ रहा है, जिससे बचाव कार्य की गति धीमी हो गई है। लेकिन इसके बावजूद, सेना, ITBP, SDRF और NDRF के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रहे हैं। देहरादून में 24 घंटे चलने वाला आपदा परिचालन केंद्र (Disaster Operations Station) भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हरसंभव मदद पहुंचा रहा है।

सीएम धामी ने कहा, "किसी को अकेला नहीं छोड़ेंगे"

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आपदा को लेकर भावुक होते हुए कहा कि सरकार का पहला लक्ष्य सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बचाना है। उन्होंने कहा, "हम हर एक इंसान को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम किसी को अकेला नहीं छोड़ेंगे।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया और लगातार बचाव कार्यों की जानकारी ले रहे हैं। पीएम मोदी ने भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

उत्तरकाशी बादल फटने (Uttarkashi cloudburst) के बाद अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। स्थानीय प्रशासन और राहत दल (relief team) लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उन्हें भोजन-पानी जैसी जरूरी चीजें उपलब्ध कराने में जुटे हैं। इस त्रासदी के बाद लोग सहमे हुए हैं। उन्हें अपने घरों और आजीविका को हुए नुकसान की चिंता सता रही है। इस घटना ने एक बार फिर पहाड़ों में होने वाली ऐसी प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती को उजागर किया है। सरकार और जनता, दोनों के सामने अब इस तबाही से उबरने और भविष्य की ऐसी घटनाओं के लिए तैयार रहने की बड़ी जिम्मेदारी है।

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