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जैव विविधता दिवस पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र और मानव जीवन के लिए जैव विविधता के महत्व को रेखांकित करता है। 22 मई को मनाया जाने वाला यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हम प्रकृति के अभिन्न अंग हैं और इसके संरक्षण के लिए सामूहिक जिम्मेदारी लेनी होगी। व्यक्तिगत और वैश्विक स्तर पर किए गए छोटे-छोटे प्रयास, जैसे पेड़ लगाना, प्रदूषण कम करना, और संरक्षण परियोजनाओं में भाग लेना, जैव विविधता को बचाने में मदद कर सकते हैं। यह दिवस हमें प्राकृतिक संसाधनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और एक टिकाऊ भविष्य के लिए कार्य करने का अवसर प्रदान करता है।
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस : तिथि, उद्देश्य और महत्व
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस प्रत्येक वर्ष 22 मई को विश्व भर में मनाया जाता है। यह दिन जैव विविधता (Biodiversity) के महत्व को समझाने, इसके संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित इस दिन का उद्देश्य पृथ्वी पर जीवन की विविधता और इसके संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर कार्रवाई को प्रोत्साहित करना है।
क्या दिवस मनाने का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1993 में की गई थी। यह तिथि 22 मई को इसलिए चुनी गई क्योंकि इसी दिन 1992 में नैरोबी, केन्या में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (Convention on Biological Diversity - CBD) का पाठ स्वीकार किया गया था। शुरू में यह दिवस 29 दिसंबर को मनाया जाता था, लेकिन कई देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयों का हवाला देने के बाद 2000 में इसे 22 मई को स्थानांतरित कर दिया गया। इस दिन को विश्व जैव विविधता संरक्षण दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
जैव विविधता का अर्थ
जैव विविधता शब्द का प्रयोग पहली बार 1985 में वाल्टर जी. रोसेन द्वारा किया गया था। यह पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं, पौधों, सूक्ष्मजीवों, और उनके द्वारा बनाए गए पारिस्थितिक तंत्रों की विविधता को दर्शाता है। इसमें जंगलों, महासागरों, रेगिस्तानों, और अन्य प्राकृतिक आवास शामिल हैं। जैव विविधता मानव जीवन के लिए आवश्यक संसाधन जैसे भोजन, पानी, औषधियां, और आश्रय प्रदान करती है। यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का उद्देश्य
जागरूकता बढ़ाना : यह दिन लोगों, नीति निर्माताओं, और समुदायों को जैव विविधता के महत्व और इसके नुकसान के परिणामों के बारे में शिक्षित करता है। मानवीय गतिविधियों जैसे वनों की कटाई, प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन के कारण जैव विविधता में कमी आ रही है, जिससे प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा, और तूफान बढ़ रहे हैं।
संरक्षण को प्रोत्साहन:
यह दिवस सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, स्वदेशी समुदायों, और व्यक्तियों को जैव विविधता संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। 2024 की थीम "योजना का हिस्सा बनें (Be Part of the Plan)" कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी।
सतत विकास को बढ़ावा: जैव विविधता सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) का अभिन्न अंग है। यह खाद्य सुरक्षा, स्वच्छ जल, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करती है। इस दिन का उद्देश्य जैव विविधता को वैश्विक अर्थव्यवस्था और नीतियों में शामिल करना है।
सहयोग और भागीदारी: यह विभिन्न हितधारकों जैसे सरकारों, स्थानीय समुदायों, और व्यवसायों को एक साथ लाता है ताकि जैव विविधता के नुकसान को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास किए जा सकें।
पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता: जैव विविधता पारिस्थितिक तंत्रों को स्थिर और लचीला बनाती है। यह मिट्टी की उर्वरता, जल चक्र, और कार्बन भंडारण जैसे प्राकृतिक प्रक्रियाओं को समर्थन देती है। उदाहरण के लिए, वन पारिस्थितिकी तंत्र कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर जलवायु परिवर्तन को कम करते हैं।
मानव कल्याण: जैव विविधता मानव जीवन के लिए आवश्यक संसाधन जैसे भोजन, दवाइयां, और स्वच्छ जल प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, कई औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियां, जैसे शतावरी, जैव विविधता का हिस्सा हैं और आयुर्वेद में महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, जैव विविधता प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती है, जैसे तटीय मैंग्रोव जो तूफानों से बचाव करते हैं।
आर्थिक लाभ: जैव विविधता कृषि, मत्स्य पालन, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसर प्रदान करती है। विश्व बैंक के अनुसार, जैव विविधता के नुकसान से वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व: कई संस्कृतियों में पौधों, जानवरों, और प्राकृतिक स्थलों का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। जैव विविधता इन परंपराओं को जीवित रखने में मदद करती है।
जलवायु परिवर्तन से निपटने में भूमिका: जैव विविधता जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सहायक है। उदाहरण के लिए, स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र कार्बन भंडारण में मदद करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करते हैं।
चुनौतियां और आवश्यक कार्रवाई
पृथ्वी की आधी प्रजातियां विलुप्त हो सकती है
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगली शताब्दी तक पृथ्वी की आधी प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। इसके प्रमुख कारणों में वनों की कटाई, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और आवास नष्ट होना शामिल हैं। वैश्विक मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10 लाख प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं।