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Mark zuckerberg Photograph: (Google)
मेटा के सीईओ और फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग ने अपने एक बयान से माहौल गर्म कर दिया है। इसको लेकर आईटी और कम्यूनिकेशन मामलों के संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि वे जकरबर्ग और मेटा को समन भेजेंगे, उन्हें संसदीय समिति से माफी मांगनी होगी। निशिकांत ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि मार्क जकरबर्ग के इस बयान से भारत की छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हें भारतीय संसद और जनता से माफी मांगनी होगी।
क्या कहा जकरबर्ग ने…
दरअसल जकरबर्ग ने Joe Roagn के दिए एक पॉडकास्ट में कहा था कि ‘ कोविड़ 19 के बाद से कई देशों की सरकारों पर से लोगों का भरोसा कम हुआ है। कई सरकारें कोविड के बाद से सत्ता में वापस नहीं आईं क्योंकि वे महंगाई कोविड महामारी से सही तरीके से निपट नहीं पाईं। उन्होंने कहा कि इसमें भारत जैसे देश भी शामिल हैं।’ जकरबर्ग के इस बयान की खूब आलोचना हो रही है।
अश्विनी वैष्णव ने दिया जवाब
इस मामले पर केंद्रीय आईटी और कम्यूनिकेशन मिनिस्टर ने मार्क जकरबर्ग को जवाब देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘ भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जिसने 2024 में सफल तरीके चुनाव कराए। इस चुनाव में 64 करोड़ मतदाताओं ने हिस्सा लिया। भारत की जनता ने एनडीए और बीजीपी सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है। उन्होंने आगे लिखते हुए कहा कि जकरबर्ग का बयान कि कोविड के बाद से दुनिया की ज्यादातर सत्ताधारी पार्टी सरकार से बाहर हो गई, जिसमें उन्होंने भारत का भी नाम लिया, गलत है। जकरबर्ग को कुछ भी कहने से पहले एक बार तथ्यों को जांच लेना चाहिए था। ’ हालांकि अभी तक मेटा की तरफ से केंद्रीय मंत्री के द्वारा की गई टिप्पणी पर कोई बयान सामने नहीं आया है।
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