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World Environment Day : आओ मिलकर बचाएं पर्यावरण, इसके बिना मानव का भविष्य खतरे में

विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सामुदायिक और वैश्विक स्तर पर भी है। यह सरकारों, संगठनों, और व्यक्तियों को पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रेरित करता है।

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Mukesh Pandit
World Environment day
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विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) प्रत्येक वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और ठोस कार्रवाई को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जलवायु पर ivartan, प्रदूषण, जैव विविधता हानि, और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन जैसे पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूक करना है।

यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा जीवन प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है, और पर्यावरण की सुरक्षा के बिना मानव सभ्यता का भविष्य खतरे में है। विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सामुदायिक और वैश्विक स्तर पर भी है। यह सरकारों, संगठनों, और व्यक्तियों को पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रेरित करता है। स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, और ऊर्जा संरक्षण जैसे कदमों के माध्यम से लोग पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि छोटे-छोटे प्रयास, जैसे प्लास्टिक का उपयोग कम करना या पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना, लंबे समय में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

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वर्ष 2025 की थीम

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम है "प्लास्टिक प्रदूषण को हराना" (Beat Plastic Pollution)। यह थीम प्लास्टिक प्रदूषण के बढ़ते संकट पर ध्यान केंद्रित करती है, जो पर्यावरण, वन्यजीव, और मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। हर साल लगभग 11 मिलियन टन प्लास्टिक समुद्रों में पहुंचता है, जिससे समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को भारी नुकसान होता है। इस वर्ष का नारा है "हमारी भूमि। हमारा भविष्य।

2025 का आयोजन दक्षिण कोरिया गणराज्य द्वारा किया जा रहा है, जो पहले भी 1997 में इस आयोजन की मेजबानी कर चुका है। दक्षिण कोरिया ने प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं, जैसे एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध और पुनर्चक्रण प्रणालियों को मजबूत करना। यह थीम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ भी संरेखित है, जो पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं। environmental awareness | Environmental Friendly | Environmental Issues | environmental impact of delivery 

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कब और क्यों मनाया जाता है?

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्टॉकहोम सम्मेलन (United Nations Conference on the Human Environment) के दौरान की गई थी। इस सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण को वैश्विक स्तर पर प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया गया। पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1973 को मनाया गया, जिसकी थीम थी "केवल एक पृथ्वी" (Only One Earth)। तब से, प्रत्येक वर्ष 5 जून को यह दिन मनाया जाता है, क्योंकि यह स्टॉकहोम सम्मेलन के पहले दिन को चिह्नित करता है।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय मुद्दों जैसे ग्लोबल वार्मिंग, समुद्री प्रदूषण, वनों की कटाई, और जैव विविधता हानि के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह लोगों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझाने और टिकाऊ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। विभिन्न देशों में इस दिन को वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है। भारत में, यह दिन वनमहोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें पेड़ लगाने पर विशेष जोर दिया जाता है।

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विश्व में पर्यावरण की स्थिति

वैश्विक पर्यावरण की स्थिति चिंताजनक है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। निम्नलिखित कुछ प्रमुख बिंदु हैं जो वर्तमान स्थिति को दर्शाते हैं:

जलवायु परिवर्तन: ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है। इससे चरम मौसमी घटनाएँ जैसे बाढ़, सूखा, और तूफान बढ़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि उत्सर्जन को नियंत्रित नहीं किया गया, तो 2050 तक वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ सकता है।

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प्लास्टिक प्रदूषण: हर साल लाखों टन प्लास्टिक समुद्रों में पहुंचता है, जिससे समुद्री जीवन को खतरा होता है। माइक्रोप्लास्टिक्स मानव स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहे हैं, क्योंकि ये भोजन श्रृंखला में प्रवेश कर चुके हैं।

जैव विविधता हानि: वनों की कटाई, शहरीकरण, और प्रदूषण के कारण कई प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। विश्व प्रकृति निधि (WWF) के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में जैव विविधता में 68% की कमी आई है।

मरुस्थलीकरण और सूखा: भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण के कारण कृषि योग्य भूमि कम हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2050 तक विश्व की एक तिहाई आबादी सूखे से प्रभावित हो सकती है।

वायु और जल प्रदूषण: औद्योगिक गतिविधियाँ, वाहन उत्सर्जन, और अपशिष्ट प्रबंधन की कमी के कारण वायु और जल प्रदूषण बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वायु प्रदूषण हर साल 70 लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है।

पर्यावरणीय चुनौतियां गंभीर हैं। दिल्ली जैसे शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है, और नदियों का प्रदूषण जल संकट को बढ़ा रहा है। हालांकि, भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा और वृक्षारोपण जैसे कदमों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रगति की है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 हमें प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ एकजुट होने और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी छोटी-छोटी कार्रवाइयाँ, जैसे पुनर्चक्रण, एकल-उपयोग प्लास्टिक से परहेज, और ऊर्जा संरक्षण, एक स्वस्थ ग्रह के लिए महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण की वर्तमान स्थिति हमें चेतावनी देती है कि समय तेजी से बीत रहा है, और हमें अपने ग्रह को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी होगी। आइए, इस विश्व पर्यावरण दिवस पर संकल्प लें कि हम #GenerationRestoration का हिस्सा बनेंगे और एक हरित, स्वच्छ, और टिकाऊ भविष्य के लिए काम करेंगे।

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