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Yoga Benefits: ‘शवासन’ के अभ्यास से दिनभर की थकान और तनाव से मिलेगी मुक्ति

अगर आप थकान-तनाव के साथ कब्ज, अपच जैसी समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो ‘शवासन’ योगासन करने की जरूरत है। यह योगासन देखने और करने में काफी सरल प्रतीत होता है। इसके फायदे कई सारे हैं जो शरीर के लिए काफी लाभकारी हैं।  

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YBN News
Shavasanayoga

Shavasanayoga Photograph: (ians)

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मुंबई, आईएएनएस। अगर आप थकान-तनाव के साथ कब्ज, अपच जैसी समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो ‘शवासन’ योगासन करने की जरूरत है। यह योगासन देखने और करने में काफी सरल प्रतीत होता है। लेकिन, इसके फायदे कई सारे हैं जो शरीर के लिए काफी लाभकारी हैं।  

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हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद

इस योगासन का नियमित अभ्यास करने सेतनाव और चिंतामें कमी आती है। शवासन मन को शांत करता है और तनाव, चिंता, और अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। चलिए इस योगासन के बारे में विस्तार से समझते हैं। शवासन को "मृतक मुद्रा" भी कहा जाता है। इसे योग सत्र के अंत में या बीच में किया जाता है ताकि शरीर को पूर्ण विश्राम मिल सके। इस योगासन को करने से मांसपेशियों में तनाव कम होता है और शारीरिक थकान दूर होती है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और शरीर को दोबारा से एक्टिव होने के लिए समय देता है। इस योगासन के नियमित अभ्यास हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह हृदय गति को धीमा करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

योगासन शवासन अनिद्रा के इलाज

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इस योगासन के करने से गहरी श्वास और विश्राम के कारण पाचन तंत्र बेहतर ढंग से कार्य करता है, जिससे कब्ज, अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। इस योगासन से तनाव से जहां मुक्ति मिलती है। वहीं, मानसिक स्पष्टता बढ़ती है, जिससे एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है। इसके अलावा नींद की गुणवत्ता भी काफी अच्छी हो जाती है। यह योगासन शवासन अनिद्रा के इलाज में प्रभावी है।

आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण

इस योगासन के माध्यम से व्यक्ति आध्यात्मिक तौर पर अपने भीतर की शांति और चेतना से जुड़ सकता है। यह ध्यान की गहरी अवस्था में ले जाता है, जो आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

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इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले आप एक साफ-सुधरी जगह चिन्हित करे। पीठ के बल लेट जाएं, पैरों को थोड़ा फैलाएं, और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। आंखें बंद करें और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें। धीमी और गहरी सांस लें। सांस पर ध्यान केंद्रित करें, लेकिन उसे नियंत्रित करने की कोशिश न करें। अपने शरीर के प्रत्येक हिस्से को एक-एक करके महसूस करें और उसे पूरी तरह से आराम करने दें।

इस दौरान ध्यान देने वाली बात यह है कि इस योगासन को करने के वक्त कई बार लोग सो जाते हैं। यह आपके अभ्यास को खराब कर सकता है।

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