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एक फैसला, जिससे हजारों लोग हुए बेघर पर खुश था Supreme Court

जस्टिस मनमोहन ने कहा कि सही फैसला लेने के लिए हाई कोर्ट को बधाई। देखिए, आपने किसी तीसरे पक्ष की जमीन पर अतिक्रमण किया और बिना किसी मंजूरी के संपत्ति बना ली। कोई कानून का शासन नहीं है।

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Shailendra Gautam
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः महाराष्ट्र के ठाणे में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक 17 संपत्तियों को गिराने का काम तय समय पर ही चलेगा। आज हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि सूबे में कानून का कोई शासन नहीं है। अपराधियों के अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं। जस्टिस उज्जल भुयान और मनमोहन की बेंच ने हाई कोर्ट के इस कदम की सराहना की। हालांकि याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि इन 17 इमारतों में कम से कम 400 परिवार रहते हैं और अगर इन्हें गिरा दिया गया तो हजारों लोग बेघर हो जाएंगे। 

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जस्टिस मनमोहन बोले- सही फैसला लेने के लिए हाईकोर्ट को बधाई

आज सुनवाई शुरू होने के कुछ ही देर बाद जस्टिस मनमोहन ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता की बात नहीं सुनी जानी चाहिए। जस्टिस मनमोहन ने कहा कि सही फैसला लेने के लिए हाई कोर्ट को बधाई। देखिए, आपने किसी तीसरे पक्ष की जमीन पर अतिक्रमण किया और बिना किसी मंजूरी के संपत्ति बना ली। कोई कानून का शासन नहीं है। ये लोग अंडरवर्ल्ड से जुड़े हुए हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन बिल्डरों ने बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए और किसी तीसरे पक्ष की भूमि पर ये इमारतें बनाई हैं।

 बुजुर्ग महिला ने उठाई थी अंडरवर्ल्ड के खिलाफ आवाज

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इस मामले की सुनवाई बॉम्बे हाई कोर्ट में तब हुई जब एक बुजुर्ग महिला ने याचिका दायर कर कहा कि उसकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके निर्माण किया गया है। वह कोर्ट गई और मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और नगर निगम सहित कई अधिकारियों को पत्र लिखा। अपने पत्रों में उसने कहा था कि निर्माण अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों ने किया था। 12 जून को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे नगर निगम को अंडरवर्ल्ड की सरपरस्ती में बनी 17 इमारतों को ध्वस्त करने का निर्देश देते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने नगर निगम को किसी और आदेश की प्रतीक्षा किए बिना डिमोलिशन की कार्यवाही करने का अधिकार दिया था। ठाणे नगर निगम की सीमा के भीतर अवैध निर्माणों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने मुंब्रा के पास शिल दैघर की बहुमंजिला इमारतों की भी न्यायिक जांच का आदेश दिया था। अवैध निर्माणों और कार्रवाई में देरी पर हैरत जताते करते हुए उच्च न्यायालय ने ठाणे नगर निगम आयुक्त को अपने इलाके का सर्वेक्षण कर ऐसी बिल्डिंगों कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।


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