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garibnath mandir Photograph: (google)
मुजफ्फरपुर, 3 जनवरी: बिहार के प्रसिद्ध बाबा गरीबनाथ मंदिर की 270 स्क्वायर फीट जमीन को लेकर विवाद ने जोर पकड़ लिया है। मुजफ्फरपुर नगर निगम की इस जमीन को जिला प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट को नैवेद्यम प्रसाद वितरण के लिए अस्थायी रूप से दिया था। हालांकि, सोगरा वक्फ बोर्ड ने इस पर दावा जताते हुए आपत्ति दर्ज कराई है। मामले को बिहार स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल में उठाया गया, जिसने जिलाधिकारी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
पृष्ठभूमि और विवाद का कारण
2022 में तत्कालीन नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के आदेश पर यह जमीन अस्थायी रूप से बाबा गरीबनाथ मंदिर को दी गई थी। इसका उपयोग विशेष रूप से सावन माह के दौरान नैवेद्यम प्रसाद वितरण के लिए होता है। सोगरा वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह जमीन मंदिर ट्रस्ट को नहीं दी जानी चाहिए थी और उन्होंने इसके खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई।
प्रशासन और न्यास समिति का पक्ष
गरीबनाथ मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष और पूर्वी अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि मुशहरी अंचलाधिकारी को मामले का जवाब तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह जमीन केवल अस्थायी उपयोग के लिए दी गई थी और इसका प्रबंधन न्यास द्वारा उचित तरीके से किया जा रहा है।
मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया
मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि इम्तियाज आलम ने कहा, "हम सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मामला ट्रिब्यूनल में है, और जो भी फैसला आएगा, उसे स्वीकार किया जाएगा। यह विवाद आपसी भाईचारे पर कोई असर नहीं डालेगा।"
28 जनवरी को अहम सुनवाई
ट्रिब्यूनल में होने वाली अगली सुनवाई में जिला प्रशासन, मंदिर ट्रस्ट, और वक्फ बोर्ड अपने पक्ष प्रस्तुत करेंगे। यह विवाद कानूनी प्रक्रिया से सुलझने की उम्मीद है, जिससे धार्मिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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