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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देशभर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। तिरंगा यात्रा के दौरान भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य विवादों में आ गए हैं। हवामहल से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य तिरंगा यात्रा में शामिल हुए, इस दौरान उन्होंने अचानक कुछ ऐसा कर दिया कि वे चर्चा में आ गए। दरअसल, यात्रा के दौरान बालमुकुंदाचार्य हाथ में तिरंगा लिए चल रहे थे, इस दौरान उन्हें नाक पोछने की जरुरत महसूस हुई, जिसके बाद उन्होंने हाथ में रखे तिरंगे से नाक पोछ ली।
भाजपा विधायक को तिरंगे से नाक पोछता देखकर पास खड़े समर्थक ने उन्हें टोका, जिसके बाद सुरक्षाकर्मी ने उन्हें नाक पोछने के लिए दूसरा कपड़ा दिया। इसके बाद बालमुकुंदाचार्य ने इत्मिनान से नाक पोछी और आगे चल दिए। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वे एक हाथ में गदा और दूसरे हाथ में ऑपरेशन सिंदूर का पोस्टर लेकर चल रहे हैं और नाक पोंछते हुए नजर आ रहे हैं।
जयपुर : तिरंगा यात्रा में BJP विधायक बालमुकुंदाचार्य ने तिरंगे को ही नाक पोंछने का कपड़ा बना दिया !! pic.twitter.com/1WxXmJXh9u
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) May 15, 2025
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य विवादों में आए हों। विवादों से उनका पुराना नाता है। आइए उनके कुछ विवादित बयानों पर नजर डालते हैं...
25 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध रैली निकाली जा रही थी। इस दौरान बालमुकुंदाचार्य ने कथित तौर पर जामा मस्जिद के बाहर और आसपास के इलाकों में पोस्टर लगवाए थे, जिसमें लिखा था, "कौन कहता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता?" पोस्टर में अल्पसंख्यक वर्ग की तस्वीर दर्शायी गई थी, जिसके बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। बालमुकंदाचार्य के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी।
अक्टूबर 2024 में, बालमुकुंद आचार्य ने जयपुर के बास बदनपुरा स्थित शिया इमामबाड़ा में प्रवेश किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने जूते पहनकर इमामबाड़ा में प्रवेश किया और वहां नमाज पढ़ रही महिलाओं के साथ अभद्रता की। इस घटना के बाद, शिया समुदाय ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिकायत की और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की योजना बनाई। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया ।
अक्टूबर 2024 में, बालमुकुंद आचार्य ने बास बदनपुरा में वक्फ बोर्ड द्वारा लगाए गए नोटिस बोर्ड को देखकर विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कब्जे की कोशिश है, क्योंकि बोर्ड पर खसरा नंबर नहीं लिखा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बोर्ड पहले से लगा हुआ था और प्रशासन की अनुमति से लगाया गया था ।
मार्च 2025 में, बालमुकुंद आचार्य ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर बयान दिया कि यह "लैंड जिहाद" है और इससे मुस्लिम समाज का भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड के नाम पर जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है और सोसायटी के लोग प्लॉट आपस में बांट रहे हैं
सितंबर 2024 में, बालमुकुंद आचार्य ने जयपुर नगर निगम में कांग्रेस के नेताओं के लिए 'पवित्रता संस्कार' का आयोजन किया, जिसमें गंगाजल और गौमूत्र का उपयोग किया गया। यह आयोजन राजनीतिक रूप से विवादास्पद रहा, क्योंकि कुछ कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी में शामिल होने के बाद यह संस्कार कराया गया था।
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